मणिपुर में NH-2 मार्ग खुल गया। कुकी-जो काउंसिल ने केंद्र सरकार के साथ बातचीत कर राजमार्ग पर निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित की। यह कदम राज्य में शांति, व्यापारिक गतिविधियों और रोजमर्रा की जिंदगी के लिए राहत लेकर आया।
Manipur: मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (NH-2) जल्द ही फिर से खुलने जा रहा है। यह राजमार्ग राज्य के रोजमर्रा की जिंदगी और सामान की सप्लाई के लिए महत्वपूर्ण है। कुकी-जो काउंसिल ने केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बाद यह फैसला किया है कि अब राजमार्ग पर लोगों और आवश्यक सामान की आवाजाही निर्बाध होगी। यह कदम मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
पिछले कई महीनों से मणिपुर में मैतेयी और कुकी-जो समुदायों के बीच तनाव के कारण यह मार्ग बंद था। बंद राजमार्ग की वजह से जरूरी सामान की सप्लाई रुकी और आम लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अब केंद्र सरकार और काउंसिल की बातचीत के बाद राहत की उम्मीद जगी है।
कुकी-जो काउंसिल की बातचीत से निकला हल
कुकी-जो काउंसिल और गृह मंत्रालय के अधिकारी नई दिल्ली में कई दौर की बातचीत कर रहे थे। इन बैठकों का उद्देश्य मणिपुर में तनाव को कम करना और राजमार्ग पर आवाजाही बहाल करना था।
गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया कि कुकी-जो काउंसिल ने भारत सरकार की ओर से तैनात सुरक्षा बलों के साथ मिलकर NH-2 पर शांति बनाए रखने का वादा किया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि नागरिकों और जरूरी सामान की आवाजाही बिना किसी बाधा के हो।
NH-2 मणिपुर को नगालैंड और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। मई 2023 से शुरू हुए मेइती-कुकी तनाव के कारण इस राजमार्ग पर आवाजाही ठप थी। इस दौरान हिंसा बढ़ी, हजारों लोग बेघर हुए और कई राहत शिविरों में रहने को मजबूर हुए। राजमार्ग के खुलने से उम्मीद है कि जरूरी सामान और राहत सामग्री समय पर लोगों तक पहुंचेगी।
NH-2 खुलने से जीवन में आएगी सहजता
राष्ट्रीय राजमार्ग-2 की आवाजाही बहाल होने से मणिपुर में रोजमर्रा की जिंदगी में राहत मिलेगी। लोग अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकेंगे और बाज़ारों में सामान की सप्लाई सुचारू होगी। ट्रकों और सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही शुरू होने से व्यापारिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
सुरक्षा बलों की निगरानी में यह मार्ग खुलेगा, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। स्थानीय प्रशासन का मानना है कि राजमार्ग खुलने से आम नागरिकों में भरोसा बढ़ेगा और समाज में शांति की भावना मजबूत होगी।
त्रिपक्षीय समझौता: शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
केंद्र सरकार, मणिपुर राज्य सरकार और कुकी-जो संगठन (KNO) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ है। इस समझौते को 'सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO)' कहा गया है। यह समझौता एक साल के लिए लागू होगा और इसमें नए नियम और शर्तें तय की गई हैं।
इस समझौते के तहत मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने और शांति सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। KNO और UPF (United Peoples Front) ने अपने सात कैंप संघर्ष वाले इलाकों से हटाने का वादा किया है। इसके अलावा हथियारों को CRPF और BSF के कैंपों में जमा करने और विदेशी नागरिकों की जांच करने की शर्त भी रखी गई है।
समझौते का उद्देश्य सिर्फ राजमार्ग खोलना नहीं है, बल्कि मणिपुर में लंबे समय तक स्थायी शांति स्थापित करना भी है।
लोगों और व्यापारिक गतिविधियों पर असर
राजमार्ग के खुलने से मणिपुर में व्यापारिक गतिविधियों को बड़ा लाभ मिलेगा। फलों, सब्जियों, दाल और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू होगी। दुकानदार और व्यापारी अब अपने स्टॉक समय पर ले जा पाएंगे। साथ ही, स्थानीय लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए लंबा सफर तय करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि परिवहन की लागत भी घटेगी।