मुंबई लोकल ट्रेनों में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। अब उपनगरीय ट्रेनों में ऑटोमैटिक क्लोजर डोर यानी अपने आप बंद होने वाले दरवाजे लगाए जाएंगे।
महाराष्ट्र: मुंबई की लाइफलाइन कहे जाने वाली लोकल ट्रेनों में हर दिन लाखों यात्री सफर करते हैं। लेकिन हाल ही में ठाणे जिले के मुंब्रा रेलवे स्टेशन पर जो हादसा हुआ, उसने रेलवे की सुरक्षा तैयारियों पर कई सवाल खड़े कर दिए। चलती ट्रेन से गिरकर 4 यात्रियों की मौत और कई के घायल होने के बाद अब रेलवे ने बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है।
भारतीय रेलवे ने सोमवार को घोषणा की कि मुंबई उपनगरीय नेटवर्क की सभी नई ट्रेनों में अब ऑटोमैटिक क्लोजर डोर यानी अपने आप बंद होने वाले दरवाजे लगाए जाएंगे। साथ ही, मौजूदा ट्रेनों में भी बदलाव कर इन्हें स्वचालित दरवाजों से लैस किया जाएगा। यह कदम सीधे तौर पर यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
हादसे की पृष्ठभूमि: मुंब्रा स्टेशन बना भयावह दृश्य
घटना सोमवार सुबह की है जब CSMT की ओर जा रही एक लोकल ट्रेन में अत्यधिक भीड़ के कारण कई यात्री संतुलन खो बैठे और चलती ट्रेन से नीचे गिर गए। यह हादसा मुंब्रा और दिवा स्टेशनों के बीच हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रेन में धक्का-मुक्की हो रही थी और जैसे ही ट्रेन ने रफ्तार पकड़ी, 10-15 लोग गिर पड़े।
रेलवे और पुलिस की टीम कुछ ही देर में मौके पर पहुंची। घायलों को तुरंत शिवाजी अस्पताल और ठाणे जनरल अस्पताल ले जाया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश, 4 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। सेंट्रल रेलवे की ओर से एक बयान में कहा गया कि प्रारंभिक जांच में हादसे की वजह अत्यधिक भीड़ पाई गई है। रेलवे प्रशासन ने जांच का आदेश दे दिया है और दुर्घटना से प्रभावित स्थानीय सेवाओं को जल्द बहाल करने का प्रयास जारी है।
रेलवे का त्वरित ऐलान: नई ट्रेनों में लगेंगे ऑटोमैटिक दरवाजे
हादसे के बाद रेलवे प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करने का निर्णय लिया। रेलवे ने घोषणा की कि मुंबई उपनगरीय डिवीजन के लिए तैयार की जा रही सभी नई ट्रेनों में ऑटोमैटिक दरवाजे लगाए जाएंगे। ये दरवाजे ट्रेन के स्टार्ट होते ही अपने आप बंद हो जाएंगे और स्टेशन पर रुकते समय ही खुलेंगे।
सिर्फ नई ट्रेनें ही नहीं, बल्कि मौजूदा लोकल रेक्स में भी यह तकनीक अपनाई जाएगी। रेलवे का मानना है कि इस बदलाव से चलती ट्रेन से गिरने की घटनाओं में भारी कमी आएगी। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारा उद्देश्य सिर्फ दुर्घटनाओं को रोकना नहीं, बल्कि यात्रा को अधिक सुरक्षित और सहज बनाना है। यह परिवर्तन तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हम इसे प्राथमिकता के साथ लागू कर रहे हैं।”
यात्रियों की सुरक्षा के लिए और क्या कदम उठाए जाएंगे?
इस घटना ने रेलवे को केवल ऑटोमैटिक दरवाजे की ओर ही नहीं, बल्कि व्यापक सुरक्षा उपायों की पुनर्समीक्षा के लिए भी बाध्य किया है। रेलवे द्वारा उठाए जा रहे अन्य कदम इस प्रकार हैं:
- अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती: प्रमुख स्टेशनों और भीड़भाड़ वाले समय में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की तैनाती बढ़ाई जाएगी।
- भीड़ प्रबंधन योजना: विशेष रूप से पिक आवर्स के दौरान यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग से कर्मचारियों को लगाया जाएगा।
- यात्रियों को जागरूक करना: रेलवे द्वारा चलाए जाएंगे जागरूकता अभियान, जिनमें यात्रियों को सावधानी बरतने, ट्रेन के गेट पर खड़े न होने और धक्का-मुक्की से बचने की सलाह दी जाएगी।
- पुराने रेक्स की तकनीकी अपग्रेडिंग: मौजूदा ट्रेनों में नए दरवाजों के साथ-साथ ब्रेकिंग सिस्टम और अलर्ट सिग्नलों को भी अपग्रेड किया जाएगा।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया: परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे को अत्यंत दुखद बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मुंब्रा के पास हुए हादसे में जिन लोगों ने जान गंवाई, उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार रेलवे प्रशासन के संपर्क में है और घायलों के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। साथ ही उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर बल दिया और कहा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए आवश्यक हर कदम उठाए जाएंगे।