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NDA में सीट बंटवारे को लेकर घमासान! गोपाल मंडल ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर दिया धरना

NDA में सीट बंटवारे को लेकर घमासान! गोपाल मंडल ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर दिया धरना

एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू और सहयोगी दल नाराज। गोपाल मंडल ने मुख्यमंत्री आवास पर धरना दिया, रत्नेश सदा भावुक हुए। गठबंधन में असहमति और पारदर्शिता की कमी से चुनावी तैयारियों पर असर पड़ा।

पटना। एनडीए (NDA) में सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन के सहयोगी दलों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के महादलित नेता मुख्यमंत्री मांझी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा ने अपने असंतोष का इजहार किया, वहीं अब जनता दल यूनाइटेड (JDU) के भीतर भी सीट बंटवारे को लेकर गहमागहमी मची हुई है। इस बीच भागलपुर के गोपालपुर विधानसभा सीट से JDU के विधायक गोपाल मंडल ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना (protest) देकर विरोध जताया।

गोपाल मंडल के धरने का कारण

गोपाल मंडल अपने समर्थकों के साथ मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका टिकट काटने की साजिश चल रही है। मंडल का कहना था कि कुछ लोग मुख्यमंत्री आवास में बैठकर उन्हें टिकट से वंचित करना चाहते हैं। गोपाल मंडल ने स्पष्ट किया कि वे सीएम नीतीश कुमार से मिलकर अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन जब उन्हें एंट्री नहीं मिली तो उन्होंने अपने समर्थकों के साथ सीएम आवास के बाहर धरना शुरू कर दिया।

जेडीयू विधायक रत्नेश सदा की आंखों से छलके आंसू

सहरसा की सोनबरसा विधानसभा सीट से JDU के विधायक और मंत्री रत्नेश सदा भी सीट बंटवारे की वजह से भावुक हो गए। उनकी सीट चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को दे दी गई है। शुरुआती तौर पर उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें यह पता चला कि उनकी सीट एलजेपी को दे दी गई। इससे रत्नेश सदा भावुक हो गए और मीडिया के सामने उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।

रत्नेश सदा ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें कीचड़ और दलदल से निकाला है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उनके क्षेत्र में लोगों को यह सूचना मिली, वहां भारी आक्रोश फैल गया। रत्नेश सदा जेडीयू के दलित चेहरे माने जाते हैं और नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में शामिल हैं। उनकी यह प्रतिक्रिया गठबंधन में बढ़ते तनाव का संकेत देती है।

गठबंधन में सहयोगी दलों की नाराजगी

एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर पहले ही कई सहयोगी दल नाराज हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुख्यमंत्री मांझी ने अपने समर्थकों के लिए सीटें सुरक्षित न रखने पर विरोध जताया, जबकि राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा ने भी सीट वितरण पर असंतोष व्यक्त किया। अब JDU में भी यह मुद्दा गहराता जा रहा है।

गठबंधन में सीटों का फॉर्मूला कई दलों को पच नहीं रहा। इससे चुनावी तैयारियों पर भी असर पड़ा है। कुछ नेताओं का कहना है कि सीट बंटवारे में पारदर्शिता नहीं है, जिससे नेताओं और उनके समर्थकों में गुस्सा और चिंता बढ़ रही है।

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