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Nipah Virus का कहर: केरल में संदिग्ध मौत, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

Nipah Virus का कहर: केरल में संदिग्ध मौत, सरकार ने जारी की एडवाइजरी

केरल के पलक्कड़ में निपाह वायरस से एक और मौत की आशंका जताई गई है। सरकार ने 6 जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है। संपर्क में आए 46 लोगों की निगरानी की जा रही है।

Nipah Virus in Kerala: केरल में एक बार फिर निपाह वायरस का खतरा मंडरा रहा है। 12 जून को पलक्कड़ जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई, जिसकी रिपोर्ट में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। हालांकि अंतिम पुष्टि के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। मृतक पिछले कुछ समय से बीमार था और एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था।

स्वास्थ्य मंत्री ने की स्थिति की पुष्टि

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि मृतक के सैंपल को मंजीरी मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए भेजा गया था, जहां उसे निपाह पॉजिटिव पाया गया। सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कदम उठाए हैं और निपाह संक्रमण की रोकथाम के लिए निगरानी बढ़ा दी गई है।

दूसरी बार केरल में निपाह से मौत का मामला

यह केरल में निपाह वायरस से मौत का दूसरा संदिग्ध मामला है। इससे पहले मलप्पुरम जिले में भी एक व्यक्ति की मौत निपाह वायरस की वजह से होने की आशंका जताई गई थी। दोनों मामलों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

छह जिलों में अलर्ट

निपाह संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने राज्य के छह जिलों—पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड, कन्नूर, वायनाड और त्रिशूर—के अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया है। इन अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सभी मरीजों और स्टाफ को मास्क पहनना अनिवार्य है। किसी भी मरीज में तेज बुखार जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत निपाह टेस्ट किया जाएगा।

कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू, 46 लोग निगरानी में

सरकार ने मृतकों के संपर्क में आए लोगों की पहचान के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी है। अब तक 46 लोगों की सूची तैयार की जा चुकी है, जो इन मामलों से सीधे संपर्क में आए थे। इन 46 लोगों ने कुल 543 अन्य लोगों से संपर्क किया था। इन सभी लोगों को निगरानी में रखा जा रहा है और इनकी सूची सरकार द्वारा तैयार कर ली गई है।

क्या है निपाह वायरस?

निपाह वायरस एक खतरनाक जूनोटिक संक्रमण है, जो जानवरों से इंसानों में और फिर इंसानों से इंसानों में फैलता है। यह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ों और सूअरों से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में यह वायरस बहुत तेजी से फैलता है।

निपाह वायरस का संक्रमण बेहद घातक होता है और इससे संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं। कई मामलों में यह जानलेवा साबित होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी

WHO के अनुसार, निपाह वायरस के खिलाफ अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इसके प्रसार को रोकने के लिए केवल सावधानी और सतर्कता ही सबसे बड़ा उपाय है। संक्रमण को रोकने के लिए सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं, जनता और अस्पतालों को लगातार जागरूक और सचेत रहना जरूरी है।

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