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नोबेल साहित्य 2025: लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई बने विजेता, ऑस्ट्रेलियाई लेखक रहे पीछे

नोबेल साहित्य 2025: लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई बने विजेता, ऑस्ट्रेलियाई लेखक रहे पीछे

हंगरी के उपन्यासकार लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई को साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2025 मिला। उन्हें मानवीय संकट और सभ्यता के पतन के बीच कला की शक्ति को दिखाने वाली रचनाओं के लिए सम्मानित किया गया।

बुडापेस्ट। विश्व साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान, नोबेल पुरस्कार की 2025 की घोषणा बृहस्पतिवार को की गई। इस साल का साहित्य का नोबेल हंगरी के उपन्यासकार और पटकथा लेखक लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई को दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार उनके गहन और दूरदर्शी साहित्यिक कार्यों के लिए दिया गया, जो प्रलयकारी भय के बीच भी कला की शक्ति (power of art) की पुष्टि करते हैं। साहित्यिक दुनिया में उन्हें अक्सर "प्रलय के भविष्यवक्ता" कहा जाता है, क्योंकि उनकी रचनाओं में मानवीय संकट और सभ्यता के पतन के बावजूद आशा, सौंदर्य और अस्तित्व की संभावना देखने को मिलती है।

बुकमेकर्स की भविष्यवाणी

हर साल नोबेल अकादमी की पसंद को बुकमेकर्स यानी शर्त लगाने वाले पूरी तरह सही नहीं पकड़ पाते, लेकिन वे साहित्यिक उम्मीदों और संभावनाओं को दर्शाते हैं। इस साल लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई बुकमेकर्स की सूची में दूसरे स्थान पर थे (6/1), जबकि ऑस्ट्रेलियाई लेखक जेराल्ड मर्ने (5/1) शीर्ष पर थे। इसके अलावा इस दौड़ में मेक्सिको की क्रिस्टिना रिवेरा गार्ज़ा (9/1), जापानी लेखक हरुकी मुराकामी (11/1), रोमानिया के मिर्चिया कर्तारेस्कु, अमेरिका के थॉमस पिंचन और चीन की चान शुए जैसे लेखक भी शामिल थे। बावजूद इसके, नोबेल अकादमी ने लास्ज़लो को ही विजेता घोषित किया।

नोबेल साहित्य पुरस्कार का इतिहास

साहित्य का पहला नोबेल पुरस्कार फ्रांसीसी कवि सुली प्रुधोम को 1901 में मिला। 1909 में स्वीडन की सेल्मा लागरलोफ़ पहली महिला बनीं जिन्होंने यह पुरस्कार जीता। अब तक कुल 124 वर्षों में केवल 18 महिलाओं को यह सम्मान मिला है। फ्रांस के साहित्यकारों ने सबसे ज्यादा 16 बार यह पुरस्कार जीता है। इसके अलावा लियो टॉल्स्टॉय, वर्जीनिया वूल्फ और जेम्स जॉयस जैसे महान लेखकों को यह सम्मान कभी नहीं मिला। वहीं जां-पॉल सार्त्र और बोरिस पास्तर्नाक जैसे विजेताओं ने कभी इसे अस्वीकार किया या लेने से इनकार किया।

लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई का साहित्यिक योगदान

लास्ज़लो क्रास्नाहोर्काई को अक्सर "प्रलय का लेखक" कहा जाता है। उनकी लेखनी उस समय की मानवीय स्थिति को दर्शाती है, जब सभ्यता पतन के कगार पर होती है। इसके बावजूद उनकी रचनाओं में अराजकता और संकट के बीच विश्वास, सौंदर्य और जिजीविषा (will to live) की झलक मिलती है। उनकी लेखन शैली लंबी, सम्मोहक और चक्रवात-सी है, जैसे अराजकता की भाषा।

उनके प्रमुख उपन्यासों में Satantango, The Melancholy of Resistance और Baron Wenckheim’s Homecoming शामिल हैं। इन रचनाओं में लेखक ने सामाजिक विडंबना, मानव मन की जटिलता और अस्तित्व के सवालों को गहराई से उकेरा है। चाहे दुनिया बिखरती हो, क्रास्नाहोर्काई अपने पात्रों और कथाओं के माध्यम से टूटन में भी सौंदर्य खोज लेते हैं।

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