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नोएडा प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई: रुके प्रोजेक्ट्स में बायर्स की रजिस्ट्री, खाली प्लाट होंगे रद्द

नोएडा प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई: रुके प्रोजेक्ट्स में बायर्स की रजिस्ट्री, खाली प्लाट होंगे रद्द

नोएडा प्राधिकरण ने शहर में रुके हुए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत लगभग 5758 फ्लैट बायर्स के पक्ष में नियमानुसार रजिस्ट्री की कार्रवाई की जा सकेगी। वर्तमान में 3724 बायर्स की रजिस्ट्री सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है। 

UP News: नोएडा प्राधिकरण ने पुराने और रुके हुए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं के समाधान के लिए अमिताभ कांत की सिफारिश के तहत लागू किए गए उपायों पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 35 प्रोजेक्ट्स ने सफलतापूर्वक इस शासनादेश का लाभ उठाया है, जो कुल डेवलपर्स का लगभग 60% हिस्सा है। 

वहीं, 57 परियोजनाओं में धनराशि जमा करने और रजिस्ट्री पूरा करने का विवरण भी प्रस्तुत किया गया है। यह पहल प्राधिकरण की ओर से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के प्रयासों का हिस्सा है।

रुके प्रोजेक्ट्स की समीक्षा 

नोएडा प्राधिकरण ने पुराने रुके हुए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्या को हल करने के लिए लागू की गई अमिताभ कांत की सिफारिश के आधार पर बिल्डरों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में बताया गया कि कुल 35 प्रोजेक्ट्स ने शासनादेश का सफलतापूर्वक पालन किया है, जो कि कुल डेवलपर्स का 60% हिस्सा है। वहीं 57 प्रोजेक्ट्स में धनराशि जमा करने और रजिस्ट्री कराने की स्थिति की जानकारी दी गई।

बोर्ड बैठक में यह भी सामने आया कि 10 प्रोजेक्ट्स ने सहमति के बाद भी भुगतान नहीं किया। 13 डेवलपर्स ने केवल 25% धनराशि जमा कराई, जबकि 35 प्रोजेक्ट्स ने 25% जमा करने के बाद कोई आगे की कार्रवाई नहीं की। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि अब शासनादेश के तहत समयसीमा आगे नहीं बढ़ाई जाएगी और अतिदेयताओं की वसूली अपने नियमों के अनुसार की जाएगी।

निर्माण न पूरा करने वाले प्लाट होंगे रद्द

नोएडा प्राधिकरण ने यह भी निर्णय लिया है कि जिन आवासीय भूखंडों और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में 12 साल की अधिकतम समयावधि के बावजूद निर्माण कार्य नहीं हुआ है, उन सभी खाली प्लाटों को रद्द किया जाएगा। जिन प्लाटों पर निर्माण कार्य अधूरा है, उन भवनों को पूर्ण करने और कम्पलीशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए छह माह का अंतिम अवसर दिया जाएगा।

प्राधिकरण ने क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों और गांवों से निकलने वाले म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट के निस्तारण के लिए 300 टीपीडी क्षमता का इंटीग्रेटेड म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने को मंजूरी दी है। यह कदम एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत लिया गया है।

साथ ही, सेक्टर 50 में 25 एमएलडी, सेक्टर 54 में 33 एमएलडी, सेक्टर 123 में 35 एमएलडी और सेक्टर 168 में 50 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी की स्वीकृति दी गई है। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 87.6 करोड़ रुपये होगी।

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