भारतीय टीम के पूर्व हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश और क्रिकेट के महान स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक पद्म पुरस्कार से नवाजा गया है। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक भव्य समारोह के दौरान श्रीजेश को पद्म भूषण और अश्विन को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया।
Padma Awards: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में खेल क्षेत्र के तीन प्रमुख व्यक्तित्वों को प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों से नवाजा। इस सम्मान में केरल के हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश को पद्म भूषण और तमिलनाडु के क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया।
साथ ही उत्तर प्रदेश के एथलेटिक्स कोच डॉ. सत्यपाल सिंह को भी खेल के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसे गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
श्रीजेश को पद्म भूषण: भारतीय हॉकी के महान गोलकीपर
पीआर श्रीजेश को पद्म भूषण से सम्मानित करना भारतीय हॉकी के लिए एक महत्वपूर्ण दिन साबित हुआ है। श्रीजेश, जो भारतीय हॉकी टीम के पूर्व गोलकीपर और वर्तमान में जूनियर हॉकी टीम के कोच हैं, को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए मिला है। वह एकमात्र हॉकी गोलकीपर हैं जिन्होंने अपने 22 साल के करियर में तीन बार एफआईएच गोलकीपर ऑफ द ईयर का अवार्ड जीता है। श्रीजेश ने अपनी गोलकीपिंग के जरिए भारत को दो ओलंपिक कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता। इसके अलावा, 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने रजत पदक और 2023 एशियाई चैंपियन ट्रॉफी में स्वर्ण पदक हासिल किया। वह 2021 में खेल रत्न अवार्ड से भी सम्मानित हुए थे। पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद उन्होंने अपनी संन्यास की घोषणा की और वर्तमान में वह भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम के कोच के रूप में कार्य कर रहे हैं।
अश्विन को पद्मश्री: क्रिकेट के दिग्गज स्पिनर
रविचंद्रन अश्विन, भारतीय क्रिकेट टीम के मशहूर स्पिन गेंदबाज, को पद्मश्री पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार उन्हें क्रिकेट में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया। अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में 537 विकेट लेकर भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज बनने का रिकॉर्ड स्थापित किया है। केवल अनिल कुंबले से पीछे, जिन्होंने 619 विकेट झटके, अश्विन ने क्रिकेट जगत में एक नई पहचान बनाई है।
अश्विन का करियर उल्लेखनीय है, खासकर उनके ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान, जहां उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और असाधारण गेंदबाजी से भारत को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई। उन्होंने 2022 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की, लेकिन वह अभी भी आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल रहे हैं।
अश्विन को अर्जुन पुरस्कार और आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर सहित कई सम्मान मिल चुके हैं। उनका क्रिकेट करियर न केवल उनके व्यक्तिगत रिकॉर्ड्स से, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए उनके द्वारा की गई रणनीतिक योगदान से भी भरा हुआ है।
डॉ. सत्यपाल सिंह को पद्मश्री: पैरा-स्पोर्ट्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान
उत्तर प्रदेश के डॉ. सत्यपाल सिंह, जो भारतीय पैरा-स्पोर्ट्स के एक सम्मानित कोच और मेंटर हैं, को खेल क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया। डॉ. सिंह ने भारतीय पैरा-एथलीटों को न केवल प्रेरित किया, बल्कि उनके मार्गदर्शन में भारतीय पैरा-एथलीटों ने पैरालिंपिक, विश्व चैंपियनशिप और एशियाई पैरा खेलों में पदक जीते। उनका यह योगदान भारतीय पैरा-स्पोर्ट्स के लिए अमूल्य है और उन्होंने कई एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर शानदार प्रदर्शन करने के लिए तैयार किया।
इन खिलाड़ियों के पुरस्कारों का महत्व
यह पुरस्कार भारतीय खेलों में उनके योगदान और समर्पण को सम्मानित करने का एक तरीका है। श्रीजेश, अश्विन और डॉ. सत्यपाल सिंह के पुरस्कार न केवल उनके व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रतीक हैं, बल्कि ये भारतीय खेल जगत के हर उस व्यक्ति की मेहनत का परिणाम हैं, जिन्होंने खेलों को अपने जीवन का हिस्सा बनाया और देश को गर्व महसूस कराया।
पद्म पुरस्कारों की इस वर्ष की घोषणा से यह स्पष्ट है कि भारत के खेल क्षेत्र में न केवल पुरुषों, बल्कि महिलाओं और पैरा-एथलीटों का भी महत्वपूर्ण स्थान है। इन खिलाड़ियों की मेहनत, संघर्ष और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।