पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर से व्यापार, रक्षा, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग पर व्यापक बैठक की। मोदी ने खालिस्तानी उग्रवाद पर चिंता जताई और द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य साझा किया।
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के साथ एक व्यापक बैठक की, जिसमें मुख्य रूप से व्यापार (trade), रक्षा (defense), सुरक्षा (security) और प्रौद्योगिकी (technology) के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर विचार साझा किया और शिक्षा के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई। इस दौरान व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था, जिसने आर्थिक सहयोग के अवसरों पर विचार-विमर्श किया।
खालिस्तानी उग्रवाद पर उठाया भारत का मुद्दा
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन में खालिस्तानी चरमपंथियों (Khalistani extremists) की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की। भारत ने पिछले कुछ महीनों में ब्रिटेन में सांस्कृतिक और सार्वजनिक कार्यक्रमों को बाधित करने वाले खालिस्तानी तत्वों की घटनाओं को कई बार उठाया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मार्च में लंदन यात्रा के दौरान सुरक्षा में सेंध लगाने जैसी घटनाओं का हवाला देते हुए मोदी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा।
विदेश मंत्रालय ने उस समय बताया था कि प्रदर्शनकारियों ने कार्यक्रमों में बाधा डाली और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया। भारत ने यह भी मांग की कि ब्रिटिश सरकार ऐसे मामलों में अपने राजनयिक दायित्वों का पालन करे और सुरक्षा सुनिश्चित करे। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा कि भारत को उम्मीद है कि मेजबान सरकार चरमपंथियों की गतिविधियों को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाएगी।
द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में द्विपक्षीय व्यापार पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार 56 अरब अमेरिकी डॉलर का है। मोदी ने भरोसा जताया कि इस लक्ष्य को 2030 से पहले ही दोगुना किया जा सकता है। इसके लिए दोनों देशों के उद्योगपतियों और व्यापारिक प्रतिनिधियों ने रणनीतियों पर चर्चा की। बैठक में सौ से अधिक वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने व्यापारिक अवसरों और निवेश के विषय पर विचार साझा किया।
रक्षा और तकनीकी सहयोग पर चर्चा
बैठक में रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन के बढ़ते द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और तकनीकी सहयोग को और मजबूत करने पर विचार किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश कंपनियों को भारत में प्रौद्योगिकी निवेश बढ़ाने और उच्च तकनीक परियोजनाओं में भागीदारी की संभावना के लिए आमंत्रित किया।
शिक्षा और विश्वविद्यालय सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की योजना भी साझा की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालय भारत में अपने परिसर खोलेंगे, जिससे उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही युवा प्रतिभाओं और छात्रों को वैश्विक स्तर पर शिक्षा और प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।
ब्रिटेन में खालिस्तानी गतिविधियों का पिछला रिकॉर्ड
भारत ने जनवरी से ब्रिटिश धरती पर खालिस्तानी गतिविधियों को लगातार उठाया है। भारतीय उच्चायोग के बाहर सड़क पर हुए प्रदर्शनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हस्तक्षेप जैसी घटनाओं का हवाला दिया गया। इनमें हैरो में ‘इमरजेंसी’ फिल्म के प्रदर्शन को रोकने का प्रयास भी शामिल था। भारत का कहना है कि इस तरह की गतिविधियों से द्विपक्षीय संबंध प्रभावित हो सकते हैं और सुरक्षा की स्थिति भी कमजोर हो सकती है।