मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले की गाड़ियां अचानक बीच रास्ते में बंद हो गईं। यह घटना 26 जून को डोसीगांव के पास उस वक्त हुई जब काफिले में शामिल गाड़ियों में शक्ति फ्यूल पॉइंट पेट्रोल पंप से डीजल भरवाया गया था। गाड़ियों के अचानक बंद होने के बाद सुरक्षाकर्मियों को उन्हें धक्का देकर किनारे लगाना पड़ा। मामले की जांच के बाद सामने आया कि डीजल में पानी की मिलावट थी। घटना के बाद पेट्रोल पंप संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) ने इस पर सफाई दी है कि भारी बारिश के चलते ईंधन भंडारण टैंकों में पानी घुस गया, जिससे डीजल दूषित हो गया। हालांकि, इस दलील के बावजूद राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और पूरे प्रदेश में सभी पेट्रोल पंपों की जांच के आदेश दिए हैं।
दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने घटना को गंभीर बताते हुए पूरे मध्य प्रदेश के पेट्रोल पंपों की गहन जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को हर हाल में गुणवत्तायुक्त ईंधन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही अधिकारियों को ऑयल कंपनियों के साथ समन्वय कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
रतलाम जिले के खाद्य विभाग की टीम ने घटना के तुरंत बाद शक्ति फ्यूल पॉइंट की जांच की और वहां से डीजल और पेट्रोल के सैंपल लेकर इंदौर स्थित बीपीसीएल लैब भेजे गए हैं। प्रशासन ने जांच रिपोर्ट का इंतजार किए बिना ही मोटर स्पिरिट एंड हाई स्पीड डीजल (रेगुलेशन ऑफ सप्लाई, डिस्ट्रिब्यूशन एंड प्रिवेंशन ऑफ मालप्रैक्टिसेस) ऑर्डर 2005 के तहत आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर दी। इसके अलावा, पंप पर मौजूद 5995 लीटर पेट्रोल और 10657 लीटर डीजल को जब्त करते हुए पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया है।
ऑनलाइन मॉनिटरिंग और नियमित निरीक्षण का आदेश
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी ने इस पूरे मामले पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने 27 जून को इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और स्पष्ट निर्देश दिए कि बरसात के मौसम को देखते हुए राज्य के समस्त पेट्रोल पंपों का निरीक्षण किया जाए।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि निरीक्षण के दौरान भूमिगत टैंकों में जल रिसाव की जांच की जाए और यदि कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उसे तत्काल दुरुस्त किया जाए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हर पेट्रोल पंप की जांच रिपोर्ट समय-समय पर ऑनलाइन दर्ज हो ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिलों में खाद्य, राजस्व, नापतौल और ऑयल कंपनी के अधिकारियों की संयुक्त टीमें बनाकर पेट्रोल पंपों की जांच करें। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण ईंधन मुहैया कराना है।
सरकार की सख्ती से बढ़ा प्रशासनिक अलर्ट
प्रदेश सरकार की सख्ती के बाद जिला प्रशासन से लेकर विभागीय अधिकारी तक अलर्ट हो गए हैं। यह घटना न सिर्फ एक प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि आम उपभोक्ताओं की सुरक्षा और सेवा गुणवत्ता से जुड़ा अहम मामला भी बन चुकी है। सरकार का रुख स्पष्ट है कि जो भी पंप मिलावट या लापरवाही में लिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।