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फुले और सावरकर फिर से पाठ्यक्रम में शामिल, राजस्थान यूनिवर्सिटी ने लिया फैसला

फुले और सावरकर फिर से पाठ्यक्रम में शामिल, राजस्थान यूनिवर्सिटी ने लिया फैसला

राजस्थान यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस पाठ्यक्रम में विवाद के बाद ज्योतिबा राव फुले की वापसी हुई है। साथ ही विनायक दामोदर सावरकर को भी शामिल किया जाएगा, जिससे नया शैक्षिक बहस शुरू हो गई है।

Course Update Rajasthan University: बीए फर्स्ट और सेकंड ईयर के पॉलिटिकल साइंस पाठ्यक्रम में अब फिर से समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले को पढ़ाया जाएगा। साथ ही बीजेपी व आरएसएस के आदर्श विनायक दामोदर सावरकर को भी शामिल किया गया है। यह बदलाव पाठ्यक्रम से फुले का चैप्टर हटाने के विवाद के बाद किया गया है। विश्वविद्यालय ने यह कदम छात्रों को व्यापक दृष्टिकोण देने और इतिहास व राजनीति की बहु-आयामी समझ सुनिश्चित करने के लिए उठाया है।

ज्योतिबा फुले और सावरकर की वापसी, एम एन राय हटाए जाएंगे

राजस्थान यूनिवर्सिटी ने बीए फर्स्ट और सेकंड ईयर के पॉलिटिकल साइंस पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। अब पाठ्यक्रम में समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले, अहिल्याबाई होलकर और बीजेपी-आरएसएस के आदर्श विनायक दामोदर सावरकर को पढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही एम एन राय का चैप्टर हटा दिया गया है।

पाठ्यक्रम मंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। सावरकर को शामिल करने पर राजनीतिक बहस और विवाद बढ़ने की संभावना है। इससे छात्रों को इतिहास और राजनीति के विविध दृष्टिकोण समझने का अवसर मिलेगा।

बीजेपी-कांग्रेस की बहस, विवाद जारी

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बीजेपी शिक्षा के माध्यम से अपनी विचारधारा थोपना चाहती है। उनका कहना है कि पार्टी देश और समाज के लिए काम करने वाले महापुरुषों के बजाय अंग्रेजों के सामने झुकाव दिखाने वालों का महिमा मंडन कर रही है।

डोटासरा ने यह भी कहा कि पॉलिटिकल साइंस पाठ्यक्रम से ज्योतिबा फुले को हटाए जाने पर पहले भी विवाद हुआ था। उनके अनुसार, छात्रों को संतुलित दृष्टिकोण के लिए विभिन्न विचारधाराओं को पढ़ना जरूरी है।

स्कूली पाठ्यक्रम में भी सफाई दी गई

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि आदिवासियों के शहीद स्थल मानगढ़ धाम और क्रांतिकारी कालीबाई को पाठ्यक्रम से हटाया नहीं गया। नई शिक्षा नीति के तहत उन्हें पाठ्यक्रम में दूसरी जगहों पर समायोजित किया गया है।

मंत्री ने प्रेस नोट जारी कर उनके पाठ्यक्रम में स्थान की जानकारी दी। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि पुराना फैसला बदलकर शामिल किया गया या नई नीति के तहत पहले से ही जगह थी।

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