प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को आपराधिक मामलों में गिरफ्तार होने के बाद पद से हटाने के लिए प्रस्तावित बिल को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
PM-CM Bill: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कड़ा विरोध जताया है। यह बयान उस बिल से जुड़ा है, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को सांविधिक पद से हटाने और गंभीर अपराधों में गिरफ्तार होने पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया का जिक्र है। केजरीवाल ने अपने बयान में सवाल उठाया कि जो व्यक्ति गंभीर अपराधों के दोषियों को अपनी पार्टी में शामिल कर उनके केस खत्म कराकर मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता है, क्या ऐसे नेताओं को भी अपना पद छोड़ देना चाहिए और उन्हें कितने साल की जेल होनी चाहिए।
अरविंद केजरीवाल ने आगे लिखा कि अगर किसी पर झूठा केस लगाकर जेल में डाला जाए और बाद में वह दोषमुक्त हो जाए, तो उस झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितने साल की जेल होनी चाहिए।
अरविंद केजरीवाल का बयान
केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “अगर कोई व्यक्ति गंभीर अपराध के आरोप में जेल जाए और बाद में दोषमुक्त हो जाए, तो क्या उसे पद छोड़ना चाहिए? क्या ऐसे मंत्री या प्रधानमंत्री को भी अपनी जिम्मेदारी से हटना होगा? उन्होंने अपनी बात को उदाहरण के साथ स्पष्ट किया, “राजनीतिक षड्यंत्र के तहत झूठे केस में फंसाकर जब केंद्र ने मुझे जेल भेजा, तब मैंने जेल से 160 दिन तक सरकार चलाई।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली के लोग अब उस ‘जेल वाली सरकार’ को याद कर रहे हैं, क्योंकि उस समय बिजली और पानी की सेवाएं सुचारू थीं, अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में मुफ्त दवाइयां और जांच होती थीं, जबकि आज के हालात इसके विपरीत हैं।
अमित शाह का बयान
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में न्यूज़ एजेंसी एएआई को दिए इंटरव्यू में कहा, “अगर कोई व्यक्ति पांच साल से अधिक सजा वाले अपराध में जेल जाता है और उसे 30 दिन के भीतर जमानत नहीं मिलती, तो उसे पद छोड़ना होगा। किसी मामूली आरोप के लिए ऐसा नहीं होगा। लेकिन जिन पर भ्रष्टाचार या गंभीर आरोप हैं, उन्हें जेल में रहकर सरकार चलाना उचित नहीं है।
शाह ने इस संदर्भ में 2015-16 की घटना का हवाला देते हुए कहा कि जब केजरीवाल जेल में थे, तो हाईकोर्ट ने कहा था कि नैतिकता के आधार पर उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। हालांकि, उस समय के कानून में इसे लागू करने का कोई प्रावधान मौजूद नहीं था।
केजरीवाल ने अमित शाह के बयान पर किया पलटवार
अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी जेल की अवधि में उन्होंने राजधानी दिल्ली का सुचारू रूप से संचालन किया। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली की वर्तमान सरकार ने पिछले सात महीनों में शहर की बुनियादी सेवाओं को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, कम से कम जेल में रहते हुए हमारी सरकार के समय बिजली नहीं जाती थी, पानी की समस्या नहीं थी, अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में फ्री टेस्ट और दवाइयां उपलब्ध थीं। प्राइवेट स्कूल मनमानी नहीं कर सकते थे। आज इन सबका हाल काफी बुरा है।
केजरीवाल ने सवाल उठाया कि जिन लोगों ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए झूठे मामले बनाए, क्या उनके खिलाफ कोई कानून या सजा का प्रावधान होना चाहिए। उनका यह बयान बिल पर प्रत्यक्ष विरोध और नीति निर्माण में न्यायिक समीक्षा की मांग को भी दर्शाता है।