देश के कई राज्यों में बाढ़ से भारी तबाही मची हुई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा कर वहां की स्थिति का जायजा लेंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी दी गई।
नई दिल्ली: भारत में इस समय कई राज्य भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सड़कें, पुल और मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, लाखों लोग विस्थापित हैं और कई जानें जा चुकी हैं। इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे और जमीनी हालात का जायजा लेंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब विभिन्न राज्य सरकारें केंद्र से वित्तीय सहायता की मांग कर रही हैं।
उत्तर भारत में बाढ़ का कहर
उत्तर भारत के कई हिस्से पिछले कई दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने तबाही मचाई है। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है और ग्रामीण इलाकों में हजारों परिवार प्रभावित हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी इन राज्यों के चुनिंदा जिलों का दौरा करेंगे, जहां बाढ़ का असर सबसे अधिक देखा गया है। उनके इस दौरे का उद्देश्य न केवल राहत और बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा करना होगा, बल्कि प्रभावित लोगों से सीधे बातचीत कर उनकी समस्याओं को समझना भी होगा।
केंद्र से मिली अब तक की मदद
केंद्रीय एजेंसियों और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की कई टीमें राहत और बचाव कार्यों में पहले से ही तैनात हैं। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन का कहना है कि नुकसान का स्तर इतना अधिक है कि राज्य सरकारों के पास संसाधन कम पड़ रहे हैं। यही कारण है कि राज्य सरकारों ने केंद्र से अतिरिक्त वित्तीय सहायता और विशेष पैकेज की मांग की है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून की तीव्रता और अनिश्चितता बढ़ गई है। नतीजतन, बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं पहले की तुलना में कहीं अधिक नुकसानदेह साबित हो रही हैं।
पंजाब में हालात बेहद गंभीर
पंजाब इस बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में शामिल है। यहां अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 3.55 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। खेत-खलिहान पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जिससे कृषि क्षेत्र को बड़ा झटका लगा है। अधिकारियों के अनुसार, 1.75 लाख हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।
गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृतसर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से दो विशेष टीमें पंजाब भेजी गई हैं, जो बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगी।