रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट ने 6 महीने की अंतरिम जमानत दी है। अदालत ने उनकी बिगड़ती सेहत और उम्र को देखते हुए जेल से बाहर इलाज की अनुमति दी है।
जयपुर: रेप के दोष में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने गंभीर बीमारी के आधार पर उन्हें 6 महीने की अंतरिम जमानत (interim bail) प्रदान की है। 13 साल से जेल में बंद आसाराम की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी, जिसके चलते अदालत ने स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए यह निर्णय लिया।
हाईकोर्ट ने दी छह महीने की राहत
जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम की हालत बीते कुछ समय से नाजुक बताई जा रही है। उनकी ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत और अधिवक्ता यशपाल सिंह राजपुरोहित ने दलील दी कि 83 वर्षीय आसाराम कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जिनमें श्वसन संबंधी समस्या और हृदय रोग प्रमुख हैं।
वकीलों ने कहा कि जेल प्रशासन की सीमित चिकित्सा सुविधाओं के कारण आसाराम का इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा। इसलिए, बिना हिरासत में रखे इलाज की अनुमति मिलना जरूरी है। अदालत ने उनके स्वास्थ्य और उम्र को ध्यान में रखते हुए छह महीने की अंतरिम जमानत देने का फैसला सुनाया।
9 अक्टूबर को तबीयत बिगड़ने पर भर्ती
जानकारी के अनुसार, 9 अक्टूबर को आसाराम की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। जोधपुर सेंट्रल जेल में उन्हें सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आने की शिकायत हुई थी। इसके बाद जेल प्रशासन ने तत्काल उन्हें निजी अस्पताल आरोग्यम में भर्ती कराया। डॉक्टरों की टीम ने बताया कि उनकी स्थिति चिंताजनक थी और उन्हें लंबे समय तक चिकित्सा निगरानी में रहने की जरूरत है।
इस घटना के बाद ही वकीलों ने अदालत में आवेदन देकर स्वास्थ्य आधार पर अंतरिम जमानत की मांग की थी, जिस पर अब अदालत ने फैसला सुनाया है।
2013 में हुई थी गिरफ्तारी

आसाराम को वर्ष 2013 में एक नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह घटना उनके जोधपुर स्थित आश्रम की बताई जाती है। उस समय पीड़िता के परिजनों ने दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को आसाराम को गिरफ्तार किया।
पांच साल तक चली सुनवाई के बाद 2018 में जोधपुर की विशेष पॉक्सो अदालत ने उन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से वह लगातार जेल में हैं। इस दौरान उन्होंने कई बार जमानत याचिका दाखिल की, लेकिन हर बार अदालत ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था।
कोर्ट ने रखी सख्त शर्तें
राजस्थान हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने आदेश दिया है कि आसाराम को छह महीने की अंतरिम जमानत स्वास्थ्य कारणों पर दी जा रही है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि के दौरान वे किसी भी प्रकार की सार्वजनिक गतिविधि या बयानबाजी नहीं करेंगे और सिर्फ उपचार पर ध्यान देंगे।
छह महीने बाद अदालत उनके स्वास्थ्य की स्थिति की समीक्षा कर आगे का फैसला करेगी। इस आदेश के बाद आसाराम को 13 साल में पहली बार लंबी अवधि के लिए जेल से बाहर आने का मौका मिला है।












