पुडुचेरी सरकार ने कक्षा 6 से 12वीं तक की छात्राओं को स्कूल में ओवरकोट पहनना अनिवार्य किया है। यह निर्देश सरकारी स्कूलों में लागू होगा और इसका उद्देश्य छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
School Overcoats Rule: पुडुचेरी सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक की छात्राओं के लिए ओवरकोट पहनना अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्कूल ड्रेस को और अधिक मर्यादित बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
आदेश का विवरण
राज्य के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक सी. गवौरी द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, स्कूल शिक्षा निदेशक ने इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से मंजूरी दी है। इसके तहत सभी जिला और क्षेत्रीय स्कूल निरीक्षण अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ओवरकोट का डिजाइन तैयार कर स्कूल प्रमुखों को भेजें और छात्राओं को निर्धारित डिजाइन के अनुसार ओवरकोट पहनने के लिए कहें।
किन छात्राओं पर लागू होगा ये नियम?
यह आदेश राज्य के सभी सरकारी स्कूलों की कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक की छात्राओं पर लागू होगा। यानी अब इन कक्षाओं में पढ़ने वाली हर छात्रा को स्कूल यूनिफॉर्म के साथ ओवरकोट पहनना अनिवार्य होगा। हालांकि, यह निर्देश फिलहाल प्राइवेट स्कूलों की छात्राओं के लिए लागू नहीं किया गया है।
सुरक्षा के लिहाज से लिया गया निर्णय
अधिकारियों के अनुसार यह फैसला छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। कई बार स्कूल ड्रेस को लेकर समाज में असहजता और असुरक्षा की भावना देखी गई है। ऐसे में ओवरकोट पहनने से छात्राओं को अतिरिक्त सुरक्षा और आत्मविश्वास मिलेगा।
क्या होता है ओवरकोट?
ओवरकोट एक प्रकार का लंबा परिधान होता है, जिसे सामान्यतः जैकेट के ऊपर पहना जाता है। यह घुटनों तक या उससे ऊपर तक लंबा होता है और शरीर को ठंड, धूल, धूप, बारिश और अन्य बाहरी कारकों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। ओवरकोट आमतौर पर वूल, कॉटन, पॉलिएस्टर, नायलॉन या वाटरप्रूफ फैब्रिक से बनाए जाते हैं।
यूनिफॉर्म में क्यों जोड़ा गया ओवरकोट?
पिछले कुछ वर्षों में स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर समय-समय पर कई मुद्दे उठते रहे हैं। विशेषकर किशोरावस्था में पहुंची छात्राओं को सार्वजनिक परिवहन या स्कूल परिसर में असहजता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ओवरकोट एक अतिरिक्त परत के रूप में काम करेगा, जिससे छात्राएं सुरक्षित और सहज महसूस कर सकेंगी। इसके अलावा यह ड्रेस कोड को और मर्यादित भी बनाएगा।