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Q2 Results: नेस्ले में 16,000 कर्मचारियों की छंटनी, नए CEO ने लिया अहम फैसला

Q2 Results: नेस्ले में 16,000 कर्मचारियों की छंटनी, नए CEO ने लिया अहम फैसला

नेस्ले ने नए सीईओ फिलिप नवरातिल के नेतृत्व में अगले दो साल में 16,000 कर्मचारियों की छंटनी का प्लान बनाया है। इसमें 12,000 व्हाइट-कॉलर और 4,000 प्रोडक्शन-सप्लाई चेन जॉब्स शामिल हैं। कंपनी का भारत में Q2 प्रॉफिट 986 करोड़ से घटकर 753 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि कमाई बढ़ी है।

Nestle major layoffs: FMCG कंपनी नेस्ले ने नए CEO फिलिप नवरातिल के आते ही अगले दो साल में 16,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है, जिसमें 12,000 व्हाइट-कॉलर और 4,000 प्रोडक्शन-सप्लाई चेन जॉब्स शामिल हैं। कंपनी का भारत में Q2 प्रॉफिट 986 करोड़ से घटकर 753 करोड़ रुपये रहा, जबकि कमाई और EBITDA में बढ़ोतरी हुई। CEO ने कहा कि ये कटौती कंपनी को तेजी से बदलने और 1 बिलियन स्विस फ्रैंक की बचत करने के लिए जरूरी है।

सीईओ ने क्यों लिया यह कदम

फिलिप नवरातिल ने अपने बयान में कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और कंपनी को भी तेजी से बदलना होगा। इसके लिए कुछ कठिन लेकिन जरूरी निर्णय लेने होंगे, जिनमें कर्मचारियों की संख्या कम करना भी शामिल है। नवरातिल ने यह भी कहा कि कंपनी भविष्य में बड़े और फोकस्ड प्रोडक्ट इनिशिएटिव्स, विज्ञापन पर निवेश बढ़ाना और अंडरपरफॉर्मिंग यूनिट्स को बेचना प्राथमिकता में रखेगी।

लेऑफ की डिटेल्स

नेस्ले ने बताया कि इस कटौती की प्रक्रिया दो वर्षों में पूरी होगी और यह ग्लोबल स्तर पर लागू होगी। कंपनी के अनुसार, व्हाइट-कॉलर जॉब्स में 12,000 लोगों को प्रभावित किया जाएगा। इसके अलावा, प्रोडक्शन और सप्लाई चेन में पहले से ही 4,000 नौकरियां कटने वाली हैं। कुल मिलाकर यह बदलाव कंपनी के वैश्विक कर्मचारियों पर बड़ा असर डाल सकता है।

कंपनी के वित्तीय नतीजे

नेस्ले के Q2 के नतीजे भी इस बदलाव के पीछे की वजहों को समझने में मदद करते हैं। कंपनी का प्रॉफिट पिछले साल की तुलना में घटकर 753 करोड़ रुपये रह गया, जबकि साल पहले यह 986 करोड़ रुपये था। दूसरी तरफ, कंपनी की कमाई 5,104 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,644 करोड़ रुपये हो गई। EBITDA 1,168 करोड़ से बढ़कर 1,237 करोड़ रुपये रही, लेकिन मार्जिन 22.9 प्रतिशत से घटकर 21.9 प्रतिशत पर आया। नेस्ले की इस साल की सेल्स में अनुमानित ग्रोथ नहीं देखने को मिली, जिससे नए सीईओ को कंपनी की रणनीति बदलने की जरूरत महसूस हुई।

जूलियस बेयर पर प्री-मार्केट ट्रेडिंग में नेस्ले के शेयर 3.4 प्रतिशत ऊपर चले गए। इस साल कंपनी का प्राइस 1.7 प्रतिशत बढ़ा है, जो स्विस मार्केट इंडेक्स की 8 प्रतिशत ग्रोथ के मुकाबले कम है। निवेशकों ने नए सीईओ के निर्णय और कंपनी की बदलती रणनीति पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है।

नेस्ले: बिक्री सुधार और बड़े प्रोडक्ट्स पर फोकस

फिलिप नवरातिल ने 2001 में नेस्ले जॉइन किया था और उनके पास दशकों का अनुभव है। चार्ज संभालने के बाद उन्होंने हिंट दी कि प्रीवियस स्ट्रैटेजी को भी जारी रखा जाएगा। कंपनी के अंडरपरफॉर्मिंग यूनिट्स को बेचना, विज्ञापन खर्च बढ़ाना और बड़े प्रोडक्ट इनिशिएटिव्स पर फोकस उनकी प्राथमिकता में है।

क्यों जरूरी है यह बदलाव

नेस्ले का कहना है कि इस बदलाव से कंपनी को 1 बिलियन स्विस फ्रैंक की बचत होगी, जो पहले योजना से दोगुना है। कंपनी के लिए यह कदम कठिन है, लेकिन दुनिया की बदलती कारोबारी परिस्थितियों में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

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