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राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की उठाई मांग

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की उठाई मांग

राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देने की मांग की है। संसद के मॉनसून सत्र में बिल लाने की अपील की।

New Delhi: कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में उन्होंने संसद के आगामी मॉनसून सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक लाने की अपील की है। राहुल गांधी ने इसे संविधान और लोकतंत्र के अनुरूप जनभावनाओं पर आधारित वैध मांग बताया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।

राहुल गांधी ने जताई चिंता, लिखा पीएम को पत्र

कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महत्वपूर्ण चिट्ठी लिखी है। इस पत्र में उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह संसद के आगामी मॉनसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को दोबारा पूर्ण राज्य का दर्जा देने संबंधी बिल पेश करे।

राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की यह मांग पूरी तरह वैध, संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बीते पांच वर्षों में वहां के निवासियों ने बार-बार राज्य का दर्जा बहाल करने की आवाज उठाई है, जिसे अब अनदेखा नहीं किया जा सकता।

राज्य से केंद्रशासित प्रदेश बना जम्मू-कश्मीर

5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था। यह भारतीय गणराज्य के इतिहास में पहली बार हुआ था जब किसी पूर्ण राज्य का दर्जा घटाकर उसे केंद्रशासित प्रदेश में बदला गया।

पत्र में क्या-क्या लिखा

राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि, "पिछले पांच वर्षों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बार-बार यह मांग की है कि उन्हें फिर से राज्य का दर्जा दिया जाए। वे यह महसूस करते हैं कि उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ है।"

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत के इतिहास में कई बार केंद्रशासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा दिया गया है, जैसे – अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और गोवा। लेकिन यह पहली बार हुआ कि एक राज्य को घटाकर केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया।

सरकार की ओर से कोई संकेत नहीं

सूत्रों के अनुसार, संसद के 21 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र में सरकार की ओर से ऐसा कोई बिल लाने की योजना नहीं है। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार फिलहाल जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने को प्राथमिकता नहीं दे रही है।

हालांकि सरकार ने पहले सुप्रीम कोर्ट में यह कहा था कि राज्य का दर्जा "उचित समय पर" बहाल कर दिया जाएगा। लेकिन अब तक कोई ठोस समयसीमा या विधायी प्रक्रिया सामने नहीं आई है।

संसद के मॉनसून सत्र में ये बिल हो सकते हैं पेश

जहां एक ओर जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार की कोई स्पष्ट नीति नहीं दिख रही, वहीं दूसरी ओर संसद के मॉनसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने की तैयारी है। इनमें शामिल हैं –

  • मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (संशोधन) विधेयक, 2025
  • टैक्सेशन लॉ (संशोधन) विधेयक, 2025
  • जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2025
  • इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ मैनेजमेंट (संशोधन) विधेयक, 2025
  • माइन्स एंड मिनरल्स (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025
  • नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, 2025
  • नेशनल एंटी डोपिंग (संशोधन) विधेयक, 2025

इन विधेयकों में आर्थिक, प्रशासनिक और संस्थागत सुधारों से संबंधित कई प्रस्ताव शामिल हैं। लेकिन जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य से जुड़ा कोई विधेयक इस सूची में नहीं दिखता।

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