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राजस्थान मे राजकुमार रोत के कार्यक्रम में भील समाज का विरोध, नाराजगी जताते हुए कहा– ऐसी उम्मीद नहीं थी

राजस्थान मे राजकुमार रोत के कार्यक्रम में भील समाज का विरोध, नाराजगी जताते हुए कहा– ऐसी उम्मीद नहीं थी

राजस्थान के झालावाड़ जिले में रविवार, 3 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में उस समय हंगामा मच गया, जब बांसवाड़ा से बीएपी सांसद राजकुमार रोत के पुराने आरक्षण संबंधी बयान को लेकर आदिवासी समाज के कुछ लोगों ने विरोध जताया। जैसे ही सांसद राजकुमार रोत मंच से भाषण दे रहे थे, कुछ युवकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। विरोध बढ़ते-बढ़ते इतना तीव्र हो गया कि भीड़ उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया गया। हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए स्थिति पर नियंत्रण पा लिया है। अधिकारियों के अनुसार, अब इलाके में शांति है और हालात पर नजर रखी जा रही है। यह पूरा घटनाक्रम एक संवेदनशील सामाजिक मुद्दे से जुड़ा हुआ है, जिससे स्थानीय स्तर पर तनाव की स्थिति बन गई।

खंडिया में कार्यक्रम के दौरान फूटा विरोध

यह आयोजन झालावाड़ के खंडिया इलाके में आदिवासी समुदाय द्वारा किया गया था। कार्यक्रम के दौरान सांसद राजकुमार रोत ने हाल ही में स्कूल की छत गिरने से मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी। उसी समय, अरविंद भील के नेतृत्व में कुछ युवाओं ने उनके पुराने आरक्षण संबंधी बयान को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया। नारेबाजी और नाराजगी के चलते माहौल तनावपूर्ण हो गया और कार्यक्रम में व्यवधान उत्पन्न हो गया।

पुलिस पर पथराव

जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की और अरविंद भील को कार्यक्रम स्थल से हटाने लगी, तो भीड़ बेकाबू हो गई। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इसके जवाब में पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा और लाठीचार्ज के जरिए भीड़ को तितर-बितर किया गया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और इलाके में पुलिस बल तैनात है।

आरक्षण पर बयान बना विवाद की जड़

इस पूरे विवाद की जड़ सांसद राजकुमार रोत का पुराना बयान है, जिसमें उन्होंने आरक्षण नीति को लेकर टिप्पणी की थी। यह बयान लंबे समय से भील समुदाय के बीच नाराजगी का कारण बना हुआ था। स्थानीय युवाओं में इसे लेकर असंतोष था, जो अब सार्वजनिक विरोध में बदल गया। यह मामला राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोणों से बेहद संवेदनशील बन गया है, जिससे राज्य में राजनीतिक हलकों में भी हलचल देखी जा रही है।

सांसद रोत ने दी प्रतिक्रिया

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद राजकुमार रोत ने एएनआई से कहा कि उनका कार्यक्रम पहले से तय था और वह विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर झालावाड़ आए थे। उन्होंने कहा कि हाल ही में स्कूल की छत गिरने से 7 बच्चों की जान गई, लेकिन राज्य सरकार ने पीड़ित परिवारों को कोई सहायता नहीं दी है। उन्होंने मांग की कि सरकार मृतकों के परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा और एक-एक सरकारी नौकरी दे। रोत ने चेतावनी दी कि यदि 10 से 12 दिनों में मदद नहीं मिली तो वे धरने पर बैठेंगे।

कार्यक्रम में हुए विरोध पर उन्होंने कहा कि वे किसी राजनीतिक मंशा से नहीं आए थे, लेकिन जिस तरह से कुछ सरकारी लोगों ने उनके साथ व्यवहार किया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी तुच्छ राजनीति की उम्मीद नहीं थी।

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