महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को NDA ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बधाई दी और समर्थन जताया। इंडिया गठबंधन की तरफ से अभी उम्मीदवार तय नहीं हुआ है।
महाराष्ट्र: राज्यपाल को NDA ने चुना। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राधाकृष्णन को बधाई दी और उनका समर्थन किया। यह पद जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था।
नीतीश कुमार ने जताया समर्थन
सीएम नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से लिखा, "महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन जी को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के निर्णय का स्वागत है। जदयू पूरी तरह से उनके समर्थन में है। उन्हें शुभकामनाएं।" नीतीश के इस बयान से स्पष्ट हो गया कि एनडीए में शामिल सभी प्रमुख दल इस चुनाव में एकजुट हैं।
सी.पी. राधाकृष्णन का प्रशासनिक अनुभव
तमिलनाडु के मूल निवासी चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल हैं। राज्यपाल के रूप में उनका प्रशासनिक अनुभव और संवैधानिक संस्थाओं के साथ समन्वय उपराष्ट्रपति पद के लिए उन्हें उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि राधाकृष्णन का चुनाव NDA के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। उनका प्रशासनिक अनुभव और निष्पक्ष दृष्टिकोण उपराष्ट्रपति पद की गरिमा बनाए रखने में सहायक होगा।
NDA में सर्वसम्मति से हुआ नाम चयन
जेपी नड्डा ने बताया कि NDA में शामिल सभी घटक दलों के साथ चर्चा और सुझाव लेने के बाद सी.पी. राधाकृष्णन के नाम पर सभी दलों की सहमति बनी। उन्होंने कहा, "सभी दलों ने उम्मीदवार के तौर पर राधाकृष्णन जी का स्वागत किया। हमें विश्वास है कि वे अपने अनुभव और नेतृत्व क्षमता से उपराष्ट्रपति पद की गरिमा बनाए रखेंगे।"
एनडीए में शामिल बीजेपी, जदयू, और अन्य सहयोगी दलों ने राधाकृष्णन के नाम को पूरी तरह समर्थन दिया। इस प्रकार, एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर राजनीतिक सस्पेंस समाप्त हो गया।
उपराष्ट्रपति पद क्यों खाली हुआ?
उपराष्ट्रपति पद को लेकर लंबे समय से राजनीतिक चर्चाएँ चल रही थीं। मॉनसून सत्र के पहले दिन पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इससे उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया और सभी राजनीतिक दलों में उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस बढ़ गया।
एनडीए में इस पद के लिए कई नामों पर विचार हुआ। अंततः सर्वसम्मति से सी.पी. राधाकृष्णन को चुना गया। राजनीतिक विश्लेषक इसे गठबंधन में संतुलन और सभी दलों के सहयोग का परिणाम मान रहे हैं।
इंडिया गठबंधन का रुख
जहां NDA ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है, वहीं इंडिया गठबंधन ने अब तक अपने उम्मीदवारों का खुलासा नहीं किया है। विश्लेषक मानते हैं कि इंडिया गठबंधन उपराष्ट्रपति चुनाव में रणनीतिक निर्णय ले सकता है और राजनीतिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार का चयन करेगा।
उपराष्ट्रपति पद की अहमियत
भारत में उपराष्ट्रपति का पद संवैधानिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उपराष्ट्रपति न केवल राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य करते हैं, बल्कि राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनके संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन भी करते हैं। इस पद पर चयनित व्यक्ति की निष्पक्षता और प्रशासनिक क्षमता संसद और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गुणवत्ता के लिए अहम होती है।