आज की तेज रफ्तार जिंदगी और लंबे समय तक एक ही जगह बैठकर काम करने की आदतों ने शारीरिक समस्याओं को जन्म देना शुरू कर दिया है। इन्हीं में से एक आम लेकिन गंभीर समस्या है — स्लिप डिस्क। इसे चिकित्सकीय भाषा में हर्नियेटेड डिस्क भी कहा जाता है। यह रीढ़ की हड्डी में मौजूद डिस्क के खिसक जाने की स्थिति है, जिससे पीठ, कमर और कभी-कभी पैरों तक में तेज़ दर्द हो सकता है। नसों पर दबाव बढ़ने से चलने-फिरने में भी कठिनाई आने लगती है।
हालांकि आधुनिक चिकित्सा में इसके इलाज के लिए दवाएं और सर्जरी विकल्प हो सकते हैं, लेकिन योग एक प्राकृतिक, सुरक्षित और दीर्घकालिक समाधान प्रदान करता है। कुछ विशेष योगासन ऐसे हैं जो न केवल रीढ़ की मजबूती को बढ़ाते हैं, बल्कि लचीलापन और मानसिक शांति भी प्रदान करते हैं।
1. भुजंगासन – रीढ़ को मजबूती और सूजन में राहत
भुजंगासन स्लिप डिस्क के मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी योग मुद्रा मानी जाती है। इस आसन में शरीर को सर्प की तरह ऊपर उठाया जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी पर पड़ा दबाव धीरे-धीरे कम होता है।
लाभ:
- पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को सक्रिय करता है।
- नसों पर पड़े दबाव को कम करता है।
- रीढ़ के आस-पास की सूजन में राहत मिलती है।
- मानसिक तनाव में कमी आती है।
सावधानी: इस आसन को करते समय झटके से शरीर न उठाएं। शुरुआत में प्रशिक्षित योगाचार्य की निगरानी में करें।
2. उष्ट्रासन – लचीलापन और रक्त संचार में वृद्धि
यह एक बैकबेंड मुद्रा है जो रीढ़ की हड्डी के सभी हिस्सों को स्ट्रेच करती है। स्लिप डिस्क के मरीजों के लिए यह आसन बेहद फायदेमंद हो सकता है यदि सही ढंग से किया जाए।
लाभ:
- रीढ़ की लचीलापन को बढ़ाता है।
- रक्त प्रवाह में सुधार करता है।
- पीठ के ऊपरी और निचले हिस्सों को राहत देता है।
- मानसिक तनाव और चिंता को कम करता है।
सावधानी: कमर दर्द अगर बहुत तीव्र है तो यह आसन सावधानीपूर्वक करें।
3. शलभासन – पीठ की मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने वाला योग
इस योगासन में व्यक्ति पेट के बल लेटकर दोनों पैरों को एकसाथ ऊपर उठाता है। यह पीठ और कूल्हों की मांसपेशियों को सक्रिय करता है।
लाभ:
- रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करता है।
- स्लिप डिस्क के कारण आई कमजोरी को दूर करता है।
- शरीर के पॉश्चर को बेहतर बनाता है।
- चोट लगने की संभावना को कम करता है।
सावधानी: पेट या गर्भ संबंधित समस्या होने पर यह आसन चिकित्सकीय सलाह से करें।
4. वज्रासन – स्थिरता और मानसिक शांति का योग
वज्रासन एकमात्र ऐसा योगासन है जिसे भोजन के बाद भी किया जा सकता है। यह आसान, लेकिन प्रभावशाली मुद्रा है जो शरीर और मन दोनों को स्थिरता प्रदान करती है।
लाभ:
- रीढ़ की स्थिरता में मदद करता है।
- मानसिक संतुलन और शांति प्रदान करता है।
- पाचन में सुधार लाता है, जिससे शरीर का तनाव कम होता है।
- बैठने की मुद्रा को बेहतर करता है।
सावधानी: यदि घुटनों में दर्द है, तो तकिया या कंबल का सहारा लेकर करें।
5. मकरासन – विश्राम की सर्वोत्तम मुद्रा
स्लिप डिस्क के रोगियों के लिए मकरासन एक 'रेस्टोरेटिव' आसन की तरह काम करता है। इस आसन में शरीर को पेट के बल लेटकर पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया जाता है।
लाभ:
- पीठ की मांसपेशियों को विश्राम देता है।
- दर्द में तुरंत राहत प्रदान करता है।
- नसों पर पड़ा दबाव कम करता है।
- गहरी श्वास के साथ मानसिक तनाव को भी घटाता है।
सावधानी: ध्यान रखें कि गर्दन को एक ओर बहुत देर तक न झुकाएं।
स्लिप डिस्क एक गंभीर लेकिन नियंत्रण में रहने वाली समस्या है। दवाओं और आराम के साथ-साथ नियमित योगाभ्यास इसे जड़ से सुधारने में सहायक हो सकता है। ऊपर बताए गए योगासनों को रोजाना 20-30 मिनट तक करने से ना केवल पीठ दर्द में राहत मिलेगी, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति स्वयं को अधिक शांत और ऊर्जावान महसूस करेगा।