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'सम्मान पर सवाल नहीं सहेंगे': MP मंत्री के खिलाफ FIR, कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी पर हाईकोर्ट की कार्रवाई

मध्य प्रदेश की राजनीति में उस समय हलचल तेज हो गई जब राज्य के एक मंत्री के खिलाफ हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद FIR दर्ज की गई। मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया के खिलाफ एक सार्वजनिक मंच से आपत्तिजनक और अपमानजनक बयान दिया था।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की राजनीति में तब हलचल मच गई जब राज्य के एक मंत्री के खिलाफ हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश पर FIR दर्ज की गई। मंत्री पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया के खिलाफ एक सार्वजनिक मंच से आपत्तिजनक और अपमानजनक बयान दिया, जिससे न केवल कर्नल की गरिमा को ठेस पहुँची, बल्कि सेना जैसी प्रतिष्ठित संस्था की छवि भी क्षतिग्रस्त हुई। इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है, और अधिकारियों द्वारा उचित कार्रवाई करने पर जोर दिया जा रहा है।

क्या था मामला?

घटना पिछले महीने की है जब मंत्री श्री रमेश पाटीदार (परिवहन मंत्री, मध्य प्रदेश सरकार) ने एक चुनावी सभा में बोलते हुए कर्नल सोफिया की सैन्य भूमिका पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। मंत्री ने कहा था, "जब महिलाएं सेना में आकर 'नौटंकी' करेंगी, तो सुरक्षा कैसे होगी?" इस बयान को न केवल लैंगिक भेदभावपूर्ण माना गया, बल्कि इसे सीधे भारतीय सेना की प्रतिष्ठा पर हमला भी कहा गया।

सोशल मीडिया पर उभरा जनाक्रोश

बयान सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी। सेना से जुड़े पूर्व अधिकारियों, महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों और आम नागरिकों ने मंत्री के बयान की कड़ी निंदा की। ट्विटर पर #RespectWomenInUniform ट्रेंड करने लगा और हजारों लोगों ने मंत्री के इस्तीफे की मांग उठाई।

कर्नल सोफिया ने की कोर्ट से गुहार

कर्नल सोफिया, जो कि भारतीय सेना की मेडिकल कोर में वरिष्ठ अधिकारी हैं और कई कठिन ऑपरेशनों का नेतृत्व कर चुकी हैं, ने भोपाल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अपने वकील के जरिए कहा, “यह बयान न केवल मेरी व्यक्तिगत गरिमा के खिलाफ है, बल्कि उन सभी महिलाओं के आत्मसम्मान पर चोट है जो भारत की सुरक्षा में योगदान दे रही हैं।

हाईकोर्ट ने दिया सख्त निर्देश

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सुनवाई करते हुए मंत्री रमेश पाटीदार के बयान को "निंदनीय, भेदभावपूर्ण और भारतीय सेना की मर्यादा के खिलाफ" बताया। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, संविधान और कानून से ऊपर नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने थाना टीटी नगर पुलिस स्टेशन को निर्देशित किया कि वह IPC की धारा 354A (यौन उत्पीड़न), 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने वाला बयान) और 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाना) के तहत FIR दर्ज करे।

पुलिस की तत्परता में दर्ज हुई FIR

अदालत के आदेश के कुछ ही घंटों के भीतर टीटी नगर पुलिस ने मंत्री के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। पुलिस अधीक्षक राहुल यादव ने प्रेस को जानकारी दी, कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए हमने संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज कर ली है। मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

FIR दर्ज होने के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री से मंत्री को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि “यह सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर संवेदनशील नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता आरती सिंह ने कहा, अगर अब भी कार्रवाई नहीं होती, तो यह प्रदेश की महिलाओं के लिए शर्मनाक संकेत होगा।

वहीं, मंत्री रमेश पाटीदार ने सफाई देते हुए कहा, मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। मेरा इरादा किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था। हालांकि अब मामले ने कानूनी रूप ले लिया है और सफाई से अधिक जवाबदेही की मांग की जा रही है।

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