वरुण धवन और जाह्नवी कपूर की नई फिल्म “Sunny Sanskari Ki Tulsi Kumari” आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। अगर आप इस फिल्म को देखने का प्लान बना रहे हैं तो जानना जरूरी है कि यह सिर्फ हल्का-फुल्का एंटरटेनमेंट ही नहीं देती, बल्कि एक अहम संदेश भी देती है।
- Movie Review: Sunny Sanskari Ki Tulsi Kumari
- Director: शशांक खैतान
- Starring: वरुण धवन, जाह्नवी कपूर, रोहित सराफ, सान्या मल्होत्रा, मनीष पॉल
- Platform: सिनेमाघर
- Rating: 3.5/5
- Date: 2-10-2025
एंटरटेनमेंट न्यूज़: सनी संस्कारी की यह बात इस फिल्म पर भी बिल्कुल फिट बैठती है। फिल्म धीरे-धीरे यह दिखाती है कि यह सिर्फ एंटरटेनमेंट ही नहीं, बल्कि एक जरूरी संदेश भी दे रही है। जब सनी कहता है कि आज भी महिलाओं को अपने सपनों के लिए संघर्ष करना पड़ता है, तो यह बात उन करोड़ों महिलाओं को छू सकती है, जो शादी के चक्कर में अपने सपने अधूरे छोड़ देती हैं।
सान्या मल्होत्रा जब कहती हैं कि "मैं मिसेज अनन्या भाटिया सिंह हूं, शादी कर रही हूं, अपनी पहचान नहीं खो रही हूं," तो यह संदेश देती हैं कि शादी का मतलब यह नहीं कि कोई लड़की अपने और अपनी पहचान के लिए कुछ नहीं कर सकती। फिल्म यह भी दिखाती है कि कुंडली और बायो डेटा मिलने से रिश्ते नहीं बनते, बल्कि दिल मिलने से बनते हैं।
कहानी का सार
फिल्म की कहानी सनी (वरुण धवन) और तुलसी (जाह्नवी कपूर) के इर्द-गिर्द घूमती है। दोनों का ब्रेकअप हो चुका है, लेकिन वे अपने एक्स पार्टनर्स अनन्या और विक्रम (सान्या मल्होत्रा और रोहित सराफ) की शादी में जाते हैं। यहां से कहानी में ट्विस्ट आता है और फिल्म धीरे-धीरे यह बताती है कि शादी सिर्फ जोड़ियां बनाने का नाम नहीं है। कहानी बताती है कि दिल मिलने से ही जोड़ियां बनती हैं, न कि सिर्फ कुंडली और बायो डेटा।
सनी और तुलसी की कहानी के माध्यम से फिल्म एक अहम मैसेज देती है, जो पेरेंट्स और समाज के लिए भी जरूरी है: बच्चों की मर्जी के बिना शादी नहीं होनी चाहिए और लड़कियों को भी अपने सपनों और पहचान को बनाए रखने का अधिकार है।
फिल्म का फील और एंटरटेनमेंट
Sunny Sanskari Ki Tulsi Kumari एक फुल ऑन एंटरटेनमेंट फिल्म है। इसमें कॉमेडी, रोमांस, आकर्षक गाने और हल्की-फुल्की ड्रामा है। यह फिल्म फैमिली के साथ देखी जा सकती है और मूड चेंज करने के लिए परफेक्ट है। फिल्म का ट्रेलर जितना दर्शकों को एंटरटेन करने का वादा करता है, फिल्म उसमें खरा उतरी है और कुछ जगह तो उससे भी बेहतर। कहानी सरल है लेकिन बीच-बीच में छोटे-छोटे मैसेज और सामाजिक बातें बोलती हैं। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे हल्के अंदाज में भी महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश दिए जा सकते हैं।
वरुण धवन की कॉमिक टाइमिंग और मिमिक्री फिल्म की जान है। वे कई जगह गोविंदा और सलमान खान की याद दिलाते हैं, और उनके पंच और डांस सीन हंसाते और एंटरटेन करते हैं। जाह्नवी कपूर अपने किरदार में पूरी तरह फिट बैठती हैं। कभी वह मासूम तुलसी टीचर लगती हैं, तो कभी ग्लैमरस डीवा। उनके चेहरे पर दिखने वाली एक्सप्रेशन्स और स्टाइल फिल्म में चार चांद लगाते हैं।
सान्या मल्होत्रा और रोहित सराफ भी अपने किरदारों में अच्छे लगे। रोहित का अलग ही आकर्षण है जो वरुण के सामने भी असर दिखाता है। मनीष पॉल का काम भी प्रशंसनीय है और उनका कॉमिक अंदाज फिल्म को और मजेदार बनाता है।
राइटिंग और डायरेक्शन
शशांक खेतान और इशिता मोइत्रा ने कहानी लिखी है और शशांक खेतान ने डायरेक्ट किया है। कहानी का अंदाज साधारण है, लेकिन बीच-बीच में जो गहरी बातें कही गई हैं, वो दिल को छू जाती हैं। शशांक खेतान पहले भी बद्री की दुल्हनिया और हंप्टी शर्मा की दुल्हनिया जैसी फिल्मों से दर्शकों का मनोरंजन कर चुके हैं। इस फिल्म में भी वही फ्लेवर है और इसे उनकी हैट्रिक फिल्म कहा जा सकता है।
फिल्म का म्यूजिक बेहद आकर्षक है। गानों ने फिल्म के फील और एनर्जी को बढ़ाया है। सोनू निगम, अरिजीत सिंह और खेसारी लाल यादव के गाने फिल्म में शामिल हैं, जिन्हें सुनकर दर्शक सीट पर ही थिरक उठते हैं। गाने फिल्म की कहानी को और रोमांचक और मनोरंजक बनाते हैं।