हेल्थ इंश्योरेंस और क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी अलग-अलग जरूरतों को पूरा करती हैं। हेल्थ इंश्योरेंस अस्पताल और ओपीडी खर्चों को कवर करती है, जबकि क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस गंभीर बीमारियों में एकमुश्त राशि देती है। दोनों का होना वित्तीय सुरक्षा के लिए जरूरी है और ये आपके भविष्य में आर्थिक बोझ को कम करने में मदद करती हैं।
Insurance difference: हेल्थ इंश्योरेंस केवल अस्पताल में भर्ती और ओपीडी खर्चों को कवर करता है, जबकि क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कैंसर, स्ट्रोक, एंड-स्टेज किडनी फेल्योर जैसी गंभीर बीमारियों में एकमुश्त रकम प्रदान करता है। हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम अधिक होता है और यह कई बीमारियों के लिए बार-बार दावा की सुविधा देता है, जबकि क्रिटिकल पॉलिसी जीवन भर केवल एक बार दावा देती है। दोनों पॉलिसियां अलग-अलग जरूरतों को पूरा करती हैं और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आपके अस्पताल में भर्ती होने, ऑपरेशन और ओपीडी खर्चों को कवर करती है। यह पॉलिसी सामान्य बीमारी या आकस्मिक चोट से होने वाले खर्चों को आसानी से कवर कर सकती है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों और मेडिकल खर्चों में लगातार वृद्धि के कारण यह पॉलिसी आर्थिक सुरक्षा का मजबूत साधन बन गई है।
हालांकि, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सभी गंभीर और जानलेवा बीमारियों को कवर नहीं करती। लंबे समय तक चलने वाले इलाज या विशेष गंभीर बीमारियों में होने वाले खर्चों के लिए यह पर्याप्त नहीं हो सकती। ऐसे में क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस की जरूरत पैदा हो जाती है।
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस क्या है?
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी केवल कुछ खास गंभीर बीमारियों को कवर करती है। इसमें कैंसर, एंड-स्टेज किडनी फेल्योर, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियां शामिल हैं। इस पॉलिसी के तहत बीमार होने पर पॉलिसीधारक को एकमुश्त रकम मिलती है, जिसे अस्पताल खर्च के अलावा अन्य नॉन-मेडिकल जरूरतों जैसे घर के खर्च, कर्ज चुकाने या परिवार की आर्थिक सहायता के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
हेल्थ इंश्योरेंस और क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस में अंतर
हेल्थ इंश्योरेंस और क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस में कुछ प्रमुख अंतर हैं। हेल्थ इंश्योरेंस में कई बीमारियों और दुर्घटनाओं का कवरेज होता है और इस पर कई बार दावा किया जा सकता है। जबकि क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी केवल सीमित बीमारियों को कवर करती है और आमतौर पर जीवन में केवल एक बार दावा किया जा सकता है।
प्रीमियम के मामले में भी अंतर होता है। हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी की तुलना में अधिक हो सकता है। लेकिन गंभीर बीमारियों में होने वाले उच्च वित्तीय बोझ को देखते हुए, क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी भी बेहद महत्वपूर्ण साबित होती है।
नॉन-मेडिकल खर्चों के लिए सुरक्षा
गंभीर बीमारी का असर केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि कमाई और परिवार की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है। हेल्थ इंश्योरेंस केवल अस्पताल में खर्च होने वाले पैसों को कवर करता है, लेकिन क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस एकमुश्त रकम देती है। यह राशि परिवार की रोजमर्रा की जरूरतों, ऋण चुकाने और अन्य खर्चों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। इस तरह, दोनों पॉलिसियों का संयोजन वित्तीय सुरक्षा के लिए जरूरी है।
दोनों का होना क्यों है जरूरी
हेल्थ इंश्योरेंस और क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस दोनों अलग-अलग जरूरतों को पूरा करती हैं। हेल्थ इंश्योरेंस सामान्य और आकस्मिक बीमारी के खर्चों के लिए सुरक्षा देती है, जबकि क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस गंभीर बीमारियों से होने वाले भारी खर्चों को कम करती है। दोनों का होना वित्तीय योजना और भविष्य की सुरक्षा के लिहाज से जरूरी माना जाता है।