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ट्रंप का दावा: 'मैंने भारत-पाक के बीच युद्ध रोका', भारत ने कहा- बेबुनियाद है यह बात

ट्रंप का दावा: 'मैंने भारत-पाक के बीच युद्ध रोका', भारत ने कहा- बेबुनियाद है यह बात

डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक के बीच टकराव को रोका। भारत ने इसे गलत बताया और पाकिस्तान से जारी आतंकवाद को असली खतरा करार दिया।

Trump India Pak Claim: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात को रोका था। उनका कहना है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष परमाणु युद्ध में बदल सकता था लेकिन उन्होंने हस्तक्षेप कर स्थिति को काबू में किया। हालांकि, भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि सीमा पार आतंकवाद की जड़ें पाकिस्तान से जुड़ी हैं, जिनसे निपटने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।

व्हाइट हाउस में ट्रंप का बड़ा दावा

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में एक सार्वजनिक समारोह में यह दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव को रोका। ट्रंप के मुताबिक, "भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत अधिक बढ़ गया था। पांच जेट विमान गिराए गए थे और दोनों देश एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे थे। यह टकराव किसी भी समय परमाणु युद्ध में बदल सकता था। मैंने दोनों देशों के नेताओं को फोन किया और उन्हें चेतावनी दी।"

'नो ट्रेड' की धमकी से दोनों देश माने

ट्रंप ने बताया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार रोकने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, "मैंने साफ कह दिया कि अगर यह जारी रहा तो व्यापार बंद कर देंगे और हालात बहुत खराब हो सकते हैं।" ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उनकी सक्रियता से ही हालात सुधरे और युद्ध टल गया।

कई देशों को बचाया युद्ध से

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के अलावा कांगो-रवांडा और कोसोवो-सर्बिया जैसे देशों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "मेरी वजह से इन देशों में युद्ध नहीं हुआ। ईरान की परमाणु ताकत भी खत्म की गई।"

बाइडन पर हमला करते हुए बोले ट्रंप

राष्ट्रपति ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन पर तंज कसते हुए कहा, "क्या बाइडन ऐसा कर सकते थे? मुझे नहीं लगता। क्या उन्हें इन देशों के नाम भी पता हैं? मुझे नहीं लगता।"

यूएन में अमेरिकी राजदूत ने भी दोहराया ट्रंप का दावा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका की राजदूत डोरोथी शीया ने भी ट्रंप के दावे को दोहराया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान, इजरायल-ईरान और कांगो-रवांडा के बीच तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभाई। डोरोथी शीया ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने इन देशों के नेताओं को बातचीत के लिए प्रेरित किया और हिंसा से बचने में मदद की।"

भारत ने किया पलटवार, बताया- तथ्यहीन बयान

भारत ने ट्रंप के दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथनेनी हरीश ने यूएन की उसी बैठक में ट्रंप के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना पड़ोस की भावना के खिलाफ है और इसके गंभीर परिणाम होंगे।"

हरीश ने यह भी कहा कि पहलगाम में हुआ हालिया आतंकी हमला इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान की जमीन से संचालित आतंकवादी संगठनों को अब भी समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है।

सीमा पार आतंकवाद ही असली चुनौती: भारत

भारत का रुख स्पष्ट है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ी चुनौती सीमा पार से हो रही आतंकी घुसपैठ और हिंसा है। भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंक का समर्थन नहीं रोकेगा, तब तक बातचीत या शांति की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती।

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