अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को आदेश दिए कि 1 नवंबर से आयातित मध्यम और भारी ट्रकों तथा उनके पार्ट्स पर 25% नया टैरिफ लगाया जाएगा। इसके साथ ही आयातित बसों पर 10% टैरिफ लागू होगा।
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 नवंबर से आयातित मध्यम और भारी ट्रकों और उनके पार्ट्स पर 25% नया टैरिफ लगाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, आयातित बसों पर 10% टैरिफ लागू होगा। अधिकारियों के अनुसार यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर उठाया गया है और इसका उद्देश्य अमेरिकी ऑटोमोबाइल उत्पादन को देश के भीतर बढ़ाना है।
हालांकि, इस आदेश से मेक्सिको समेत अन्य देशों को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि मेक्सिको अमेरिका को मध्यम और भारी ट्रकों का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
ट्रंप के आदेश का उद्देश्य
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनियों को अनुचित विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए उठाया गया है। इसके तहत अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनियां 2030 तक अमेरिका में असेंबल किए गए वाहनों के लिए सुझाए गए खुदरा मूल्य का 3.75% क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगी। यह क्रेडिट आयातित पुर्जों पर टैरिफ की लागत को कम करने में मदद करेगा।
इसके अलावा अमेरिकी इंजन निर्माण और अमेरिकी मध्यम और भारी ट्रक उत्पादन को भी 3.75% क्रेडिट मिलेगा। रिपब्लिकन सीनेटर बर्नी मोरेनो ने इस योजना को समर्थन देते हुए कहा कि संशोधित क्रेडिट पांच वर्षों तक लागू रहेगा और इससे कंपनियों को अमेरिका में उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलेगा।
नए टैरिफ में शामिल वाहन
नए आदेश में श्रेणी 3 से श्रेणी 8 तक के सभी ट्रक शामिल हैं। इनमें शामिल हैं:
- बड़े पिक-अप ट्रक
- मूविंग ट्रक
- कार्गो ट्रक
- डंप ट्रक
- 18-पहिया ट्रैक्टर
इस आदेश से पीटरबिल्ट, केनवर्थ और फ्रेटलाइनर जैसी अमेरिकी निर्माता कंपनियों को लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अब विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाव मिलेगा।विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश मेक्सिको और कनाडा समेत अन्य वैश्विक साझेदारों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पहले ही ट्रंप प्रशासन से अपील की थी कि ट्रकों पर नया टैरिफ न लगाया जाए। उनका कहना था कि आयात के शीर्ष पांच स्रोत — मेक्सिको, कनाडा, जापान, जर्मनी और फिनलैंड — अमेरिका के सहयोगी या नजदीकी साझेदार हैं और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं हैं।
इस नए टैरिफ का असर न केवल ट्रकों और बसों पर पड़ेगा, बल्कि आयातित ऑटो पार्ट्स की लागत बढ़ने से अमेरिकी वाहन निर्माताओं और ग्राहकों पर भी असर दिखाई देगा।
ट्रंप के नए आदेश से पहले अमेरिकी वाहन निर्माताओं को आयातित ऑटो पार्ट्स पर शुल्क पहले से लागू था। वाणिज्य विभाग ने जून में कहा था कि अप्रैल 2026 तक आयातित ऑटो पार्ट्स पर शुल्क को कम करने के लिए अमेरिकी असेंबल्ड वाहनों के मूल्य का 3.75% ऑफसेट दिया जाएगा। इसके बाद दूसरे वर्ष में यह ऑफसेट 2.5% तक होगा।