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उत्तर बंगाल में बाढ़ पर भूटान से मुआवजे की मांग, ममता बनर्जी ने लगाया बड़ा आरोप

उत्तर बंगाल में बाढ़ पर भूटान से मुआवजे की मांग, ममता बनर्जी ने लगाया बड़ा आरोप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में आई बाढ़ के लिए भूटान से मुआवजा मांगा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत व पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के उत्तरी हिस्से में आई बाढ़ को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस बाढ़ का मुख्य कारण पड़ोसी देश भूटान से बहकर आने वाला पानी है। इस कारण राज्य को हुए नुकसान के लिए भूटान से मुआवजा लिया जाना चाहिए। ममता बनर्जी यह बयान जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में राहत और पुनर्वास कार्यों का निरीक्षण करते समय दिया।

प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा

सीएम ममता बनर्जी ने नागराकाटा के बामनडांगा क्षेत्र और अन्य प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने राहत शिविरों में लोगों से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। ममता ने कहा कि बीते 4 अक्टूबर को हुई भारी बारिश और भूटान से बहकर आए पानी के कारण इस क्षेत्र में व्यापक क्षति हुई है।

भूटान से मुआवजे की मांग

ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि भूटान से बहकर आने वाले जल प्रवाह के कारण राज्य को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत-भूटान संयुक्त नदी आयोग का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें पश्चिम बंगाल को भी हिस्सा बनाया जाए। ममता ने बताया कि इस महीने 16 तारीख को इस विषय पर एक बैठक होने वाली है, जिसमें राज्य के अधिकारी भाग लेंगे।

केंद्र सरकार पर लगाया आरोप

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल को आपदाओं से निपटने के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य को पर्याप्त संसाधन नहीं दिए जा रहे, जिससे राहत और पुनर्वास कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

आपदा से हुए नुकसान का आकलन

बीते दिनों उत्तर बंगाल के कई जिलों में भूस्खलन और बाढ़ की गंभीर स्थिति रही। इस आपदा में कम से कम 32 लोगों की जान गई और हजारों लोग बेघर हुए। नागराकाटा, बामनडांगा और आसपास के इलाकों में भारी जलभराव और संपत्ति को नुकसान हुआ। ममता ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत और पुनर्वास कार्य जरूरी हैं।

राहत और पुनर्वास कार्य

सीएम ममता बनर्जी ने प्रभावित इलाकों में राहत शिविरों का दौरा किया और वहां लोगों से संवाद किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों को तत्काल भोजन, पानी, दवा और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान की जाए। ममता ने कहा कि राज्य सरकार पूरी ताकत से प्रभावितों की मदद कर रही है और भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर प्रबंध किया जाएगा।

उत्तर बंगाल में बाढ़ की स्थिति

उत्तर बंगाल के जिलों में बाढ़ का प्रभाव सबसे अधिक जलपाईगुड़ी, दर्जिलिंग और उसके आसपास के क्षेत्रों में देखा गया। भारी बारिश और भूटान से बहकर आने वाले पानी ने निचले और ऊपरी इलाकों में जान-माल की हानि पहुंचाई। कई घरों और सड़कों को नुकसान हुआ और कई पुल बह गए।

भूटान के साथ जल विवाद पर जोर

ममता बनर्जी ने कहा कि भूटान से बहकर आने वाले पानी की नियंत्रित दिशा और आपूर्ति के लिए स्थायी उपाय किए जाने चाहिए। उन्होंने भूटान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि नुकसान का मुआवजा राज्य को दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने भारत-भूटान संयुक्त नदी आयोग में पश्चिम बंगाल की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की मांग भी दोहराई।

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