वैष्णो देवी के बाद अब मचैल माता यात्रा भी स्थगित कर दी गई है। खराब मौसम की चेतावनी को देखते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने तीर्थयात्रियों की आवाजाही रोकने का आदेश जारी किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी सलाह के आधार पर यह यात्रा 5 से 7 अक्टूबर तक बंद रहेगी।
जम्मू/कश्मीर: हिमालय की मनोरम वादियों में स्थित मचैल माता मंदिर की यात्रा को खराब मौसम के कारण 5 से 7 अक्टूबर 2025 तक स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला जम्मू-कश्मीर सरकार ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ओर से जारी खराब मौसम संबंधी चेतावनी के बाद लिया। जम्मू-कश्मीर सरकार ने तीर्थयात्रियों और आम जनता को यह चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि मचैल माता मंदिर की ओर किसी भी प्रकार की यात्रा या पैदल मार्च इस अवधि में न करें। सरकार ने यह कदम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के उद्देश्य से उठाया है।
यात्रा स्थगित होने का कारण
मौसम विभाग की चेतावनी में कहा गया है कि आगामी दिनों में जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश और आंधी-तूफान की संभावना है। इस दौरान मचैल माता यात्रा मार्ग पर भूस्खलन, पत्थर गिरने या अन्य हादसों का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए अधिकारियों ने तीर्थयात्रा को अस्थायी रूप से रोकने का आदेश जारी किया।
इससे पहले, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने शुक्रवार, 3 अक्टूबर को तीन दिनों के लिए वैष्णो देवी यात्रा स्थगित करने की घोषणा की थी। बोर्ड ने कहा कि त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर स्थित गुफा मंदिर तक तीर्थयात्रा 5 से 7 अक्टूबर तक स्थगित रहेगी। श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे मौसम सामान्य होने तक यात्रा की योजना न बनाएं। बोर्ड ने यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात दोहराई।
यात्रियों के लिए सुझाव और सुरक्षा निर्देश
- 5 से 7 अक्टूबर तक यात्रा स्थगित करने का आदेश पालन करें।
- पर्वतीय मार्ग पर किसी भी तरह के अप्रत्याशित मौसम बदलाव के प्रति सतर्क रहें।
- यात्रा शुरू करने से पहले स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों से मार्ग की स्थिति की जानकारी लें।
- भारी बारिश या बर्फबारी के समय पहाड़ी क्षेत्रों में पैदल यात्रा से बचें।
मचैल माता मंदिर जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में स्थित है और हर साल हजारों श्रद्धालु यहां माता के दर्शन करने आते हैं। यह तीर्थस्थल न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि पर्यटक दृष्टि से भी प्रसिद्ध है। पहाड़ी मार्गों की कठिनाई और ऊंचाई के कारण यहां की यात्रा मौसम पर अत्यधिक निर्भर होती है।