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विजय ने करूर भगदड़ के पीड़ितों से की मुलाकात, प्राइवेट होटल में हुई भेंट

विजय ने करूर भगदड़ के पीड़ितों से की मुलाकात, प्राइवेट होटल में हुई भेंट

विजय ने करूर भगदड़ के पीड़ित परिवारों से चेन्नई के प्राइवेट होटल में मुलाकात की। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से सांत्वना दी और पीड़ितों की जरूरतों को समझा। टीवीके ने पहले 20 लाख रुपये राहत राशि वितरित की थी।

Chennai: अभिनेता से नेता बने तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) प्रमुख विजय ने करूर भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात की। यह भेंट एक प्राइवेट होटल (private hotel) में आयोजित की गई थी, जिसमें 37 परिवार और 200 से अधिक लोग शामिल हुए। विजय ने हर परिवार को व्यक्तिगत रूप से सांत्वना दी और उनके दुख को साझा किया।

भगदड़ की पृष्ठभूमि

करूर में 27 सितंबर को हुई टीवीके की रैली में भगदड़ (stampede) मच गई थी, जिसमें 41 लोग मारे गए और 50 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना ने तमिलनाडु में भारी संवेदना और चिंता पैदा की थी। इसके बाद, टीवीके ने दिवाली से पहले पीड़ित परिवारों को राहत (relief) के रूप में 20 लाख रुपये प्रदान किए थे।

प्राइवेट होटल में मुलाकात क्यों?

विजय से मिलने के लिए 200 से अधिक लोग चेन्नई में एक प्राइवेट होटल में पहुंचे। यह मुलाकात एक बंद कमरे (closed room) में हुई, जिसमें केवल टीवीके के प्रतिनिधियों को ही प्रवेश की अनुमति थी। परिवारों ने इस कदम की सराहना की, क्योंकि इससे उन्हें निजी और शांत वातावरण में नेता से मिलने का मौका मिला।

हालांकि, कई लोगों ने सवाल उठाया कि विजय सीधे करूर क्यों नहीं गए। पार्टी सूत्रों ने बताया कि विजय पहले करूर जाने की योजना बना चुके थे, लेकिन लॉजिस्टिक (logistics) और सुरक्षा कारणों से मुलाकात चेन्नई में करनी पड़ी।

पीड़ितों से संवाद 

विजय ने हर परिवार से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उन्हें सांत्वना दी। इसमें भगदड़ में घायल हुए लोग भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मुश्किल समय में पीड़ितों के साथ खड़ी है और उन्हें किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार है। बैठक के दौरान विजय ने पीड़ितों की जरूरतों को समझने की कोशिश की और उनके लिए आगे की योजनाओं पर विचार किया।

टीवीके की राहत राशि 

टीवीके ने पहले ही करूर भगदड़ के पीड़ित परिवारों के लिए 20 लाख रुपये की राहत राशि ट्रांसफर की थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह राशि दिवाली से पहले वितरित की गई ताकि परिवार अपने खर्चों और जरूरतों को पूरा कर सकें। 

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