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वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर का निधन, मीडिया जगत ने कहा– पत्रकारिता की निडर आवाज खो दी

वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर का निधन, मीडिया जगत ने कहा– पत्रकारिता की निडर आवाज खो दी

वरिष्ठ पत्रकार और द टेलीग्राफ के संपादक संकर्षण ठाकुर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। बिहार की राजनीति और समाज पर गहरी पकड़ रखने वाले ठाकुर के निधन से मीडिया जगत में शोक की लहर है। उनकी निडर पत्रकारिता और गहन विश्लेषण को हमेशा याद किया जाएगा।

Sankarshan Thakur Demise: देश के वरिष्ठ पत्रकार और द टेलीग्राफ के संपादक संकर्षण ठाकुर का निधन हो गया। 1962 में पटना में जन्मे ठाकुर लंबे समय से बीमार थे और हाल के दिनों में स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई सेंट जेवियर्स पटना और दिल्ली से पूरी की, उसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक किया। साल 1984 में पत्रकारिता की शुरुआत ‘संडे’ पत्रिका से करने वाले ठाकुर द इंडियन एक्सप्रेस और द टेलीग्राफ से जुड़े रहे। उनके निधन को पत्रकारिता जगत ने एक बड़ी क्षति बताया है।

पत्रकारिता जगत की निडर आवाज़ अब खामोश

वरिष्ठ पत्रकार और द टेलीग्राफ के संपादक संकर्षण ठाकुर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन से मीडिया जगत में गहरा शोक व्याप्त है। देश की राजनीति, खासकर बिहार पर उनकी पकड़ बेहद गहरी थी।

ठाकुर ने दशकों तक पत्रकारिता में अपनी निष्पक्ष और निडर लेखनी से पहचान बनाई। उनके निधन को न सिर्फ मीडिया बल्कि समाज के लिए भी बड़ी क्षति माना जा रहा है।

लेखनी से छोड़ी गहरी छाप, चर्चित किताबों के लेखक भी रहे

संकर्षण ठाकुर ने सिर्फ पत्रकारिता ही नहीं, बल्कि साहित्य और लेखन में भी अपनी छाप छोड़ी। उनकी चर्चित किताब ‘सबाल्टर्न साहेब’ लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक जीवनी थी, जिसने उन्हें खास पहचान दिलाई।

उनकी हालिया किताब ‘द ब्रदर्स बिहारी’ लालू यादव और नीतीश कुमार की राजनीति पर आधारित है। इसके अलावा, उन्होंने कारगिल युद्ध, पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश की ऑनर किलिंग्स जैसे मुद्दों पर भी गंभीर शोध प्रकाशित किए।

बिहार की राजनीति के गहरे जानकार

ठाकुर को बिहार की राजनीति और समाज पर अद्भुत पकड़ हासिल थी। उन्होंने राज्य के नेताओं और राजनीतिक समीकरणों का गहन विश्लेषण अपनी लेखनी के जरिए किया।

उनके लेख और किताबें आज भी बिहार के सामाजिक-राजनीतिक हालात को समझने के लिए अहम स्रोत मानी जाती हैं। यही वजह है कि उन्हें बिहार की राजनीति का गहनतम जानकार कहा जाता था।

पत्रकारिता की दुनिया को लगा बड़ा झटका

संकर्षण ठाकुर के निधन पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि ठाकुर न केवल एक सच्चे पत्रकार थे, बल्कि उनकी तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि ने सभी को समृद्ध किया।

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पत्रकारिता जगत ने एक निडर आवाज़ खो दी है। उनके राजनीतिक विश्लेषण और सत्य के प्रति प्रतिबद्धता हमेशा याद की जाएगी।

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