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योगी आदित्यनाथ ने टैक्स चोरी को बताया राष्ट्रीय अपराध, फर्जी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश

योगी आदित्यनाथ ने टैक्स चोरी को बताया राष्ट्रीय अपराध, फर्जी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में टैक्स चोरी को ‘राष्ट्रीय अपराध’ करार देते हुए इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अपनी कड़ी प्रशासनिक छवि को मजबूत किया है। लखनऊ में आयोजित राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने टैक्स चोरी को “राष्ट्रीय अपराध” करार दिया और फर्जी कंपनियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टैक्स चोरी न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था और विकास कार्यों के साथ विश्वासघात भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा, राजस्व केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के भविष्य की नींव है। यह पैसा गरीबों की योजनाओं, सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों में लगता है। ऐसे में जो लोग टैक्स चोरी करते हैं, वे वास्तव में प्रदेश की प्रगति में रोड़ा बन रहे हैं।

फर्जी कंपनियों की खैर नहीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में विशेष रूप से शेल कंपनियों (Shell Companies) का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये कंपनियां टैक्स सिस्टम को चकमा देने के लिए बनाई जाती हैं और इनकी कोई वास्तविक आर्थिक गतिविधि नहीं होती। उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों को चिन्हित किया जाए और उन पर बुलडोज़र की तरह एक्शन लिया जाए।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब सिर्फ दस्तावेज़ी नहीं, भौतिक सत्यापन (Physical Verification) ही नया मानक होगा। नई रजिस्टर्ड कंपनियों का ऑन-ग्राउंड सत्यापन अनिवार्य किया गया है ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके।

टैक्स वसूली का हाल और टारगेट

राज्य के टैक्स अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अप्रैल और मई 2025 में जीएसटी और वैट से कुल ₹18,161.59 करोड़ की वसूली हुई है। यह इस वित्तीय वर्ष (2025–26) के तय ₹1,75,725 करोड़ के लक्ष्य की ओर एक सकारात्मक शुरुआत मानी जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस पर संतोष जताया लेकिन यह भी चेताया कि आगे की राह आसान नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से कहा, "अब समय है कि हम कमर कसें और लक्ष्य को 100% हासिल करें।"

कौन से ज़ोन चमके और कौन पीछे रहे?

मुख्यमंत्री ने लखनऊ के दोनों ज़ोन, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, आगरा, अयोध्या, मेरठ, बरेली, झांसी और सहारनपुर जैसे ज़िलों की तारीफ की जिन्होंने 60% या उससे अधिक टैक्स कलेक्शन दर्ज किया। वहीं दूसरी ओर वाराणसी-1, प्रयागराज, कानपुर-2, इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद ज़ोन के प्रदर्शन पर नाराज़गी जताई गई, जिनका टैक्स कलेक्शन 50% से भी कम रहा। मुख्यमंत्री ने इन ज़ोन के अफसरों से विशेष समीक्षा रिपोर्ट मांगी है और कलेक्शन बढ़ाने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने का आदेश दिया है।

क्या बोले सीएम योगी?

बैठक में मुख्यमंत्री ने कुछ सख्त लेकिन स्पष्ट बातें कहीं:

  • जो व्यापारी टैक्स सिस्टम की ईमानदारी का मज़ाक बना रहे हैं, उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई हो।
  • व्यापारियों से संवाद स्थापित करें, लेकिन जो फर्जीवाड़ा करें उन्हें छोड़ा न जाए।
  • हर ज़ोन में एक्शन टीम बनाई जाए जो संदिग्ध फर्मों की जांच करे।
  • ईमानदार करदाताओं को हर स्तर पर सुरक्षा और सम्मान मिले।

आगे की रणनीति

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फील्ड स्तर पर काम तेज़ किया जाए। इसके लिए उन्होंने तीन अहम निर्देश दिए:

  • फील्ड विजिट बढ़ाएं: अतिरिक्त आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और डिप्टी कमिश्नर खुद व्यापारियों से मिलें, टैक्स जागरूकता फैलाएं और उनकी समस्याएं भी सुनें।
  • तकनीकी निगरानी बढ़ाएं: टैक्स चोरी रोकने के लिए डेटा एनालिटिक्स, AI और रियल टाइम मॉनिटरिंग जैसे तकनीकी उपाय अपनाने की बात कही गई।
  • स्पेशल ड्राइव शुरू हो: कम प्रदर्शन करने वाले ज़ोन में विशेष अभियान चलाकर टैक्स वसूली के नए अवसर खोजे जाएं।

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