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Zoho Founder Shridhar Vembu: 50 हजार करोड़ की संपत्ति के बावजूद गांव में जीवन

Zoho Founder Shridhar Vembu: 50 हजार करोड़ की संपत्ति के बावजूद गांव में जीवन

जोहो कॉर्पोरेशन के फाउंडर श्रीधर वेंबू की सादगी उनकी करोड़ों की संपत्ति के बावजूद प्रेरणादायक है। 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की नेटवर्थ होने के बावजूद वे तमिलनाडु के छोटे से टेनकासी गांव में रहते हैं और साइकिल का उपयोग करते हैं। वेंबू ने तकनीकी नवाचार और सामाजिक सरलता का संतुलन बखूबी कायम किया है।

Zoho Founder Shridhar Vembu: जोहो कॉर्पोरेशन के फाउंडर श्रीधर वेंबू अपनी सादगी और सफलता के लिए चर्चा में हैं। तमिलनाडु के टेनकासी गांव में रहने वाले वेंबू के पास 50 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति है, फिर भी वे बड़े वाहन के बजाय साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। 1968 में जन्मे वेंबू ने IIT मद्रास और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की और 1996 में अपनी कंपनी AdventNet की स्थापना की, जो आगे चलकर जोहो कॉर्पोरेशन बनी। उनके जीवन और काम से तकनीकी और सामाजिक प्रेरणा दोनों मिलती हैं।

सादगी और सफलता का प्रेरक उदाहरण

जोहो कॉर्पोरेशन के फाउंडर श्रीधर वेंबू की सादगी किसी को भी प्रेरित कर सकती है। 50 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के बावजूद वेंबू तमिलनाडु के छोटे से टेनकासी गांव में रहते हैं और आसपास आने-जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। इन दिनों उनकी कंपनी की Arattai ऐप चर्चा में है, जो WhatsApp के विकल्प के रूप में लोकप्रिय हो चुकी है और ऐप्पल ऐप स्टोर में शीर्ष स्थान तक पहुंची। इस ऐप के साथ ही लोग वेंबू की साधारण जीवन शैली के बारे में भी जानने में रुचि दिखा रहे हैं।

शिक्षा और करियर का सफर

श्रीधर वेंबू का जन्म 1968 में हुआ। उन्होंने IIT मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका से PhD पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने क्वालकॉम में सिस्टम डेटा इंजीनियर के रूप में काम किया, लेकिन जल्द ही अपना व्यवसाय शुरू करने का मन बनाया। 1996 में वेंबू ने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर AdventNet की स्थापना की, जो आगे चलकर जोहो कॉर्पोरेशन के नाम से जानी गई। आज यह भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक है।

गांव में रहते हुए भी बने अरबपति

फोर्ब्स की 2024 की लिस्ट के अनुसार वेंबू भारत के टॉप 100 अरबपतियों में 51वें स्थान पर हैं। उनकी संपत्ति 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। इसके बावजूद वेंबू का जीवन बेहद सादगीपूर्ण है। 2019 में उन्होंने सिलिकॉन वैली छोड़कर टेनकासी में बसना चुना और बड़े वाहन के बजाय साइकिल का उपयोग करना जारी रखा। 2021 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा, जो देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है।

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