केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए एजुकेशन लोन की प्रक्रिया को और अधिक सरल और आसान बनाने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इसके तहत, अब छात्र बिना किसी परेशानी के एजुकेशन लोन के लिए आवेदन कर सकेंगे और साथ ही उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले रिसर्च जर्नल्स भी मुफ्त में उपलब्ध होंगे। यह कदम खासतौर पर उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो सरकारी संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं और भविष्य में शोध के क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं।
‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ योजना का नया बदलाव
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निर्देशों के बाद, शिक्षा मंत्रालय ने यह सुनिश्चित किया है कि ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ योजना के तहत एजुकेशन लोन की आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। मंत्रालय का उद्देश्य है कि छात्रों को ज्यादा कागजी कार्यवाही से बचाया जाए और उन्हें लोन प्राप्त करने में कोई दिक्कत न हो। इसके साथ ही, एक नई योजना के तहत, उच्च गुणवत्ता वाले रिसर्च जर्नल्स को भी मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे छात्रों और फैकल्टी को शोध कार्य में मदद मिल सके।
दिसंबर तक नया पोर्टल होगा लॉन्च
सूत्रों के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी दिसंबर 2024 तक पुराने पोर्टल को नए रूप में लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहे हैं। नया पोर्टल छात्रों के लिए कई फायदे लेकर आएगा। इसमें, आवेदन की प्रक्रिया को और भी आसान बनाने के लिए कई सुधार किए जाएंगे। विशेष रूप से, फॉर्मेट को छोटा करके दो पन्नों में समाहित किया जाएगा और गैर-जरूरी हिस्सों को हटा दिया जाएगा। इस पोर्टल को बैंकिंग सिस्टम से भी इंटीग्रेट किया जाएगा, ताकि लोन आवेदन की प्रक्रिया और भी सहज हो सके।
एजुकेशन लोन पर मिलेगा बड़ा लाभ
इस नई योजना में एजुकेशन लोन के लिए कोई ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं की गई है। हालांकि, 10 लाख रुपये तक के लोन पर छात्रों को ब्याज दर में छूट दी जाएगी। इस छूट का लाभ करीब 1 लाख छात्रों को मिल सकता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 3 लाख छात्रों को एजुकेशन लोन मिलता है। इनमें सबसे अधिक लोन बीटेक और एमबीए जैसे कोर्स के लिए लिया जाता है, और औसतन एक छात्र को लगभग 10 लाख रुपये का लोन मिलता हैं।
पब्लिक और प्राइवेट बैंक होंगे शामिल
नई योजना में केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ही नहीं, बल्कि निजी क्षेत्र के बैंक भी शामिल किए जाएंगे। हालांकि, पिछले 10-15 वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के 12 प्रमुख बैंकों ने लगभग 98 प्रतिशत एजुकेशन लोन का वितरण किया है। इनमें प्रमुख बैंक जैसे केनरा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), यूनियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ ग्रामीण बैंक भी इस योजना में शामिल होंगे, जिससे छात्रों को लोन प्राप्त करने में और भी आसानी होगी।
छात्रों को मिलेगा बेहतर अवसर
इस नई योजना से छात्रों को एक ओर बड़ा फायदा मिलेगा। जहां एक ओर एजुकेशन लोन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा, वहीं दूसरी ओर उच्च गुणवत्ता वाले रिसर्च जर्नल्स मुफ्त में दिए जाएंगे। इससे न केवल छात्रों को शैक्षिक क्षेत्र में बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि उनका शोध कार्य भी और सशक्त होगा। विशेष रूप से, जिन छात्रों को शोध कार्य में रुचि है, उनके लिए यह योजना एक अहम कदम साबित हो सकती हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की नई योजना से छात्रों को जहां एजुकेशन लोन की प्रक्रिया में राहत मिलेगी, वहीं उन्हें रिसर्च जर्नल्स जैसे महत्वपूर्ण शैक्षिक संसाधन मुफ्त में उपलब्ध होंगे। मंत्रालय का यह कदम छात्रों की शिक्षा में सहयोग देने और उनकी शोध क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा। छात्रों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए शिक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से अपडेट्स की जांच करनी चाहिए।