कई बार हमें बच्चों की पढ़ाई, शादी या घर बनाने जैसे खर्चों के लिए गोल्ड लोन की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन गोल्ड लोन लेने से पहले इसके फायदे और नुकसान के बारे में अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए, ताकि आपको अपने सोने की सही वैल्यू मिले। साथ ही, ब्याज और रीपेमेंट के समय किसी प्रकार की समस्या न हो। आइए, गोल्ड लोन के सभी पहलुओं को विस्तार से जानें।
नई दिल्ली: गोल्ड एक ऐसी धातु है, जिसकी दुनियाभर में हमेशा खास अहमियत रही है। इसकी आभूषण पहनने की परंपरा आम महिलाओं से लेकर राजा-महाराजाओं तक रही है, लेकिन इसकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका मौद्रिक प्रणाली में है।
आज भी किसी देश की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन उसके गोल्ड भंडार के आधार पर किया जाता है। कई बार सरकारें सोने को गिरवी रखकर कर्ज लेती हैं, और आम लोग भी अक्सर गोल्ड लोन का सहारा लेते हैं। इसलिए, हम आपको बताने जा रहे हैं कि गोल्ड लोन कैसे लिया जाता है, इसे कहाँ से प्राप्त किया जा सकता है, और गोल्ड लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
लोन लेने के लिए उपयुक्त कारण: किन कामों के लिए लें?
बच्चों की पढ़ाई, शादी या मेडिकल इमरजेंसी जैसे खर्चों के लिए गोल्ड लोन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसे अन्य लोन की तुलना में अधिक सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, गोल्ड लोन का उपयोग तभी करें जब आपको कुछ समय के लिए पैसों की आवश्यकता हो।
घर या जमीन खरीदने जैसे बड़े खर्चों के लिए गोल्ड लोन का इस्तेमाल करने से पहले सभी जोखिमों का सावधानी से आकलन करना जरूरी है।
बैंक या NBFC: गोल्ड लोन के लिए किसका करें चयन?
यह निर्णय आपकी सुविधा पर निर्भर करता है। बैंक में गोल्ड लोन की ब्याज दरें आमतौर पर कम होती हैं, जबकि नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (NBFC) अधिक ब्याज लेती हैं, लेकिन कर्ज की राशि भी ज्यादा देती हैं।
NBFC का मुख्य कारोबार सोने के बदले कर्ज देने का होता है, जिससे वहां गोल्ड लोन जल्दी स्वीकृत हो जाता है। हालांकि, कर्ज लेने से पहले विभिन्न बैंकों और NBFC की ब्याज दरें जरूर चेक कर लें। गोल्ड लोन की एक विशेषता यह है कि यह अनसिक्योर्ड लोन जैसे व्यक्तिगत लोन, प्रॉपर्टी लोन या कॉर्पोरेट लोन की तुलना में सस्ता होता है।
एक्स्ट्रा चार्जेज का ध्यान रखें
गोल्ड लोन के साथ भी अन्य सामान्य लोन की तरह प्रोसेसिंग फीस जुड़ी होती है, जो बैंकों और NBFC के अनुसार भिन्न हो सकती है। कुछ वित्तीय संस्थान इस पर छूट भी देते हैं। ध्यान रखें कि प्रोसेसिंग फीस पर GST भी लगाया जाता है।
इसके अलावा, कुछ बैंक वैल्यूएशन फीस लेते हैं, जो 250 रुपये से शुरू होती है। सर्विस चार्ज, SMS चार्ज और सिक्योर्ड कस्टडी फीस जैसे अन्य खर्चों का भी ध्यान रखना आवश्यक है।
री-पेमेंट विकल्पों का चुनाव
कर्ज देने वाले संस्थान विभिन्न रीपेमेंट विकल्प प्रदान करते हैं, जिनमें से आप अपनी सुविधानुसार चुन सकते हैं। यदि आप नौकरीपेशा हैं और हर महीने नियमित आय प्राप्त करते हैं, तो आप EMI के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा, एकमुश्त मूल राशि के साथ ब्याज चुकाने का विकल्प भी उपलब्ध रहता है।
बैंक आमतौर पर 3 महीने से 3 साल तक के लिए गोल्ड लोन प्रदान करते हैं। यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप कितने समय के लिए कर्ज लेना चाहते हैं और उसे चुकाने की आपकी क्षमता क्या है।
गोल्ड के बदले लोन कैसे मिलता है?
गोल्ड लोन प्राप्त करने की पहली शर्त यह है कि जिस सोने को आप गिरवी रख रहे हैं, वह कम से कम 18 कैरेट शुद्ध होना चाहिए। बैंक या NBFC केवल गहनों और सोने के सिक्कों के बदले लोन प्रदान करते हैं। ध्यान रखें कि आप 50 ग्राम से अधिक वजन के सोने के सिक्के गिरवी नहीं रख सकते। इसके अलावा, वित्तीय संस्थान गोल्ड बार को गिरवी रखने की अनुमति नहीं देते हैं।
लोन पर डिफॉल्ट करने की स्थिति में क्या होगा?
यदि आप समय पर कर्ज चुका नहीं पाते, तो वित्तीय संस्थान को आपका सोना बेचने का अधिकार होता है। इसके अलावा, अगर सोने की कीमत गिरती है, तो आपको अतिरिक्त सोना गिरवी रखने के लिए कहा जा सकता है।