SEBI ने बॉम्बे डाइंग , सनस्टार रियल्टी और रेलिगेयर फिनवेस्ट के मामले में 82 कंपनियों और इनसे जुड़े लोगों पर 22.64 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. सोर्स ANI न्यूज़ एजेंसी,
देश में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) ने बड़ा एक्शन लिया है. सेबी ने बॉम्बे डाइंग एंड मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड (Bombay Dyeing and Manufacturing Company Limited) सहित कुल 82 कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया है.
इतना लगा है जुर्माना
सेबी ने बॉम्बे डाइंग (Bombay Dyeing), सनस्टार रियल्टी (Sunstar Realty) और रेलिगेयर फिनवेस्ट (Religare Finvest) के मामले में 82 कंपनियों और इनसे जुड़े लोगों पर 22.64 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी का कहना है कि रेलिगेयर में पैसों के हेराफेरी के मामले में फोर्टिस हेल्थकेयर सहित अन्य लोगों पर 2 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है. इस रकम का भुगतान 45 दिन के भीतर करना है.
धन का हुआ दुरुपयोग
सेबी के आदेश के अनुसार, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (RIL) के फंड को उसकी सहायक कंपनी रेलिगेयर फिनवेस्ट (आरएफएल) के माध्यम से पहले के प्रवर्तकों के फायदे के लिए ट्रांसफर किया था. साथ ही इसके प्रवर्तक मलविंदर और शिविंदर मोहन सिंह ने आरएफएल से लिए गए कर्ज के पुनर्भुगतान के भी धन का दुरुपयोग किया.
जुर्माने की ये है बड़ी वजह
आपको बता दें कि 390 पेज सेबी के आदेश में कहा कि धोखाधड़ी की पूरी योजना के तहत रेलिगेयर के 2,473.66 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया गया है. इसमें से आरएफएल के 487.92 करोड़ का गलत इस्तेमाल किया गया. आरएफएल में आरईएल की 85.64 फीसदी हिस्सेदारी है.
बॉम्बे डाइंग में 59 लाख का दंड
बॉम्बे डाइंग के मामले में 9 लोगों पर कुल 59 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है. ये सभी लोग कंपनी की ऑडिट कमिटी के सदस्य और सीएफओ थे. इन लोगों ने वित्त वर्ष 2012 से 2019 के बीच वित्तीय विवरण की योजनाओं का गलत तरीके से प्रस्तुतिकरण किया. इसमें राजस्व और फायदे में गलत आंकड़े दिखाए गए है. इससे पहले अक्तूबर में सेबी ने 10 लोगों और कंपनियों पर शेयर बाजार में कारोबार पर प्रतिबंध लगाया था. इसमें ब़ॉम्बे डाइंग इसके प्रवर्तक नुस्ली वाडिया, नेस वाडिया और जेह वाडिया भी शामिल थे. इन पर 15.75 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
21 लोगों पर लगा जुर्माना
सनस्टार रियल्टी मामले में कुल 21 लोगों पर 1.05 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. ये लोग कंपनी के शेयरों में जुगाड़ कर उसकी कीमत घटाते और बढ़ाते थे. सभी पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. सेबी ने जून, 2015 से मार्च, 2016 के बीच इसकी जांच की थी.