सुजलॉन एनर्जी भारत में पवन ऊर्जा टरबाइनों की प्रमुख निर्माता कंपनी है, जिसने देश में पवन ऊर्जा क्षमता के बड़े हिस्से की स्थापना की है। यह कंपनी विभिन्न क्षमताओं वाली पवन टरबाइनों का निर्माण करती है और देश के ऊर्जा क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती है। हाल ही में, सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में लगातार अपर सर्किट लग रहे हैं, जिससे निवेशकों के बीच उत्साह का माहौल बना हुआ है। आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में आज गिरावट का दौर जारी है। वैश्विक बाजारों में कमजोरी और बिकवाली दबाव के चलते सेंसेक्स और निफ्टी में आधे प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, इस मंदी के बावजूद सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में पांच प्रतिशत का अपर सर्किट देखने को मिला। मुनाफावसूली के चलते थोड़ी करेक्शन देखने को मिली, और फिलहाल कंपनी के शेयर 4.76 प्रतिशत की बढ़त के साथ 65.18 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं।
सुजलॉन एनर्जी, 38% गिरावट के बाद आया उछाल
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में पिछले चार कारोबारी सत्रों से अपर सर्किट लग रहे हैं, और इस दौरान कंपनी का शेयर भाव 54 रुपये से बढ़कर 65 रुपये के पार पहुंच गया है। यह तेजी 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर से 38 प्रतिशत की गिरावट के बाद देखने को मिली है, जो पिछले दो महीनों में आई थी। सुजलॉन ने 12 सितंबर, 2024 को 86.04 रुपये का उच्चतम स्तर छुआ था, लेकिन उसके बाद कंपनी के शेयरों में बिकवाली का दबाव रहा, जिससे गिरावट आई।
सुजलॉन एनर्जी में भारी तेजी की वजह
सुजलॉन एनर्जी में हालिया तेजी की मुख्य वजह ब्रोकरेज फर्मों द्वारा दी जा रही सकारात्मक सलाह है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज ने सुजलॉन को खरीदने की सलाह दी है और 68 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। यह सलाह तब आई जब सुजलॉन का शेयर 60 रुपये के आसपास था। जियोजीत का मानना है कि सुजलॉन में भविष्य में काफी विकास की संभावनाएं हैं और इसका वैल्यूएशन अब आकर्षक हो चुका है, जिससे निवेशकों को लाभ की उम्मीद है।
मॉर्गन स्टैनली ने भी दी है सुजलॉन एनर्जी को खरीदने की सलाह
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने भी सुजलॉन एनर्जी को खरीदने की सलाह दी है और इसके लिए 71 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि सुजलॉन एनर्जी की मजबूत कारोबारी क्षमता और विंड एनर्जी सेगमेंट में उसकी स्थिति उसे भारत के ऊर्जा परिवर्तन (एनर्जी ट्रांजिशन) का अहम लाभार्थी बनाती है। इसके अलावा, ब्रोकरेज ने यह भी कहा कि सुजलॉन का 5.1 गीगावाट का बड़ा ऑर्डर बैकलॉग अगले 24 महीनों में पूरा किया जा सकता है, जो कंपनी के लिए लंबी अवधि में लाभकारी साबित हो सकता है।
सुजलॉन एनर्जी के तिमाही नतीजे
सुजलॉन एनर्जी ने सितंबर तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी का शुद्ध मुनाफा लगभग दोगुना बढ़कर 200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि एक साल पहले यह 102 करोड़ रुपये था। इस दौरान, कंपनी का कुल रेवेन्यू 48 फीसदी बढ़कर 2,103 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही में 1,421 करोड़ रुपये था। हालांकि, EBITDA मार्जिन में गिरावट देखी गई, जो पिछले साल के 15.74 फीसदी से घटकर 13.97 फीसदी हो गया।