देश के बैंकिंग तंत्र में अधिशेष नकदी ने एक बार फिर सबका ध्यान खींचा है। गुरुवार को यह रकम बढ़कर 4.04 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो कि पिछले दो वर्षों में सबसे ऊंचा स्तर है। 19 मई 2022 के बाद यह पहली बार हुआ है जब बैंकिंग सिस्टम में इतनी अधिक अधिशेष नकदी दर्ज की गई है।
इस स्तर की नकदी से न सिर्फ मौद्रिक नीति पर असर पड़ता है, बल्कि ओवरनाइट रेट यानी एक दिन की अवधि के लिए बैंकों के बीच होने वाले लेनदेन की दरें भी प्रभावित होती हैं। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई अब पूरी तरह सतर्क हो गया है।
RBI को VRRR नीलामी में जबरदस्त रिस्पॉन्स
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को सात दिन की वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो (VRRR) नीलामी की जिसमें उसे 1 लाख करोड़ रुपये की अधिसूचित राशि के मुकाबले 1.70 लाख करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुईं। आरबीआई ने इसमें से 1 लाख करोड़ रुपये 5.47 फीसदी की कट-ऑफ दर पर स्वीकार कर लिए।
ये नीलामी इसलिए की जाती है ताकि बैंकिंग प्रणाली से अधिशेष नकदी को निकाला जा सके और ओवरनाइट रेट को रीपो रेट के नजदीक लाया जा सके।
पिछली नीलामी के मुकाबले ज्यादा दिलचस्पी
गौर करने वाली बात यह रही कि पिछली बार जब आरबीआई ने इसी तरह की नीलामी की थी, तब उसे केवल 84,975 करोड़ रुपये की बोलियां मिली थीं जबकि अधिसूचित राशि तब भी 1 लाख करोड़ रुपये थी। जानकारों का कहना है कि पिछली नीलामी तिमाही की समाप्ति के आसपास हुई थी, जब बैंकों की नकदी की स्थिति थोड़ी अलग होती है।
अब जब कि सरकार ने भारी खर्च किए हैं और बाजार में नकदी की उपलब्धता बढ़ गई है, तो बैंकों के पास अधिक पैसा है जिसे वे आरबीआई के पास पार्क करना चाहते हैं।
सरकार के खर्च से नकदी की बाढ़
मई में केंद्र सरकार को आरबीआई से 2.69 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिला था। इसके बाद सरकार ने बड़े पैमाने पर खर्च किए, जिससे बाजार में नकदी की भरमार हो गई। इसके अलावा, जीएसटी संग्रहण उम्मीद से थोड़ा कम रहा, जिससे सरकारी जमा में कुछ कमी आई और नकदी बैंकों के पास आ गई।
इन दोनों कारकों ने मिलकर बैंकिंग सिस्टम में अधिशेष नकदी की मात्रा को तेजी से बढ़ा दिया।
डब्ल्यूएसीआर और टीआरईपी दरों पर असर
रिजर्व बैंक की मंशा है कि ओवरनाइट वेटेड एवरेज कॉल रेट (WACR) को रीपो दर के करीब रखा जाए। वर्तमान में रीपो रेट 5.50 फीसदी है, जबकि डब्ल्यूएसीआर 5.29 फीसदी तक पहुंच गया है। गुरुवार को यह दर पहले के 5.26 फीसदी से थोड़ी बढ़ी। वहीं, ओवरनाइट टीआरईपी दर 5.18 फीसदी दर्ज की गई जो पहले 5.12 फीसदी थी।
यह स्थिति आरबीआई के लिए संकेत है कि नकदी नियंत्रण के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं।
क्या आरबीआई अब हर दिन करेगा VRRR नीलामी
अब बाजार की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आरबीआई आगे क्या कदम उठाएगा। कुछ कारोबारी और बैंकिंग विश्लेषकों का मानना है कि अगर अधिशेष नकदी इसी तरह बनी रहती है तो आरबीआई को प्रतिदिन वीआरआरआर नीलामी करनी पड़ सकती है और साथ ही अधिसूचित राशि भी बढ़ानी पड़ सकती है।
इससे ओवरनाइट दरों पर प्रभाव पड़ेगा और इन्हें रीपो रेट के आसपास बनाए रखने में मदद मिलेगी।
आने वाले समय में नकदी की स्थिति
करूर वैश्य बैंक के ट्रेजरी हेड वीआरसी रेड्डी का कहना है कि मौजूदा स्थिति में नकदी की भरमार बनी रह सकती है और निकट अवधि में अधिशेष नकदी 4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बनी रह सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि तिमाही समाप्ति के समय नकदी की स्थिति बदल जाती है, लेकिन इस बार नकदी की स्थिति पहले से काफी बेहतर है।
आरबीआई की अगली चाल पर बाजार की नजर
बाजार अब यह देख रहा है कि रिजर्व बैंक आगे वीआरआरआर नीलामी को कितना आक्रामक बनाता है। यदि आरबीआई हर दिन नीलामी करता है और उसकी राशि भी बढ़ाता है, तो इससे यह संकेत मिलेगा कि वह ओवरनाइट रेट को रीपो दर के करीब बनाए रखने के लिए गंभीर है।