अडानी का 42,000 करोड़ रुपये का बड़ा प्रोजेक्ट, टाटा, बिड़ला और वेदांता को मिलेगी कड़ी टक्कर, जानें पूरी डिटेल्स

अडानी का 42,000 करोड़ रुपये का बड़ा प्रोजेक्ट, टाटा, बिड़ला और वेदांता को मिलेगी कड़ी टक्कर, जानें पूरी डिटेल्स
Last Updated: 13 नवंबर 2024

गौतम अडानी मेटल प्रोजेक्ट: सीमेंट के व्यापार में पूरी तरह से उतरने के बाद, अब अडानी का ध्यान मेटल सेक्टर पर है। वह इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश करने की योजना बना रहे हैं। उनके इस कदम से टाटा, बिड़ला, वेदांता जैसी कई बड़ी कंपनियों में हलचल मच गई है। जानें, अडानी का यह नया प्लान क्या है और वह कितना निवेश करने वाले हैं

नई दिल्ली: देश के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी मेटल इंडस्ट्री में बड़ी मात्रा में निवेश करने की योजना बना रहे हैं। उनके इस कदम से टाटा, बिड़ला और वेदांता जैसे बड़े कारोबारी समूहों में हड़कंप मच गया है। अडानी इस क्षेत्र में 5 बिलियन डॉलर (लगभग 42 हजार करोड़ रुपये) का निवेश करने वाले हैं। अडानी का यह मेटल कारोबार खनन, शोधन और तांबा, लोहा, इस्पात और एल्युमीनियम के उत्पादन पर केंद्रित होगा।

इसके लिए अडानी ग्रुप अगले 3 से 5 वर्षों में इस क्षेत्र में 5 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बना रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कुल निवेश का 2 बिलियन डॉलर तांबे के क्षेत्र में लगाया जाएगा। अडानी के इस नए कारोबार में कदम रखने से वेदांता, आदित्य बिड़ला ग्रुप की हिंडाल्को और टाटा जैसी प्रमुख कंपनियों को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।

कॉपर सेक्टर में अडानी ग्रुप की नई पहल

अडानी ग्रुप ने मार्च में अपने तांबा संचालन के पहले चरण की शुरुआत की है, जिसमें 500 KTPA (किलोटन प्रति वर्ष) की स्मेल्टर क्षमता शामिल है। इसके साथ ही, अडानी ग्रुप अन्य धातुओं जैसे एल्युमीनियम और स्टील पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।

ग्रुप को ओडिशा के रायगढ़ में एक एल्युमीना रिफाइनरी और एक कैप्टिव पावर प्लांट स्थापित करने की मंजूरी मिल चुकी है, और यहां जल्द ही काम शुरू होगा। हालांकि, इससे पहले अडानी ग्रुप अपनी सहायक कंपनी मुंद्रा एल्युमीनियम लिमिटेड के अंतर्गत एक एल्युमीना रिफाइनरी स्थापित करने पर विचार कर रहा है।

इन कंपनियों को मिली चुनौती

अडानी ग्रुप के मेटल सेक्टर में प्रवेश करने के बाद, इसे कई प्रमुख कंपनियों जैसे वेदांता, हिंडाल्को, टाटा स्टील, और JSW स्टील से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। वेदांता अपने एल्यूमीनियम, जस्ता, और लोहा के ऑपरेशंस के लिए प्रसिद्ध है। दूसरी ओर, हिंडाल्को तांबे और एल्यूमीनियम के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखती है। टाटा स्टील और JSW स्टील लोहा और इस्पात उद्योग में प्रमुख स्थान रखते हैं।

क्या है अडानी का उद्देश्य?

अडानी का उद्देश्य उन क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति स्थापित करना है जो अभी तक उनके दायरे से बाहर रहे हैं। समूह ने हाल ही में अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड और एसीसी लिमिटेड का अधिग्रहण करके सीमेंट उद्योग में कदम रखा है। धातु क्षेत्र में नए निवेश अडानी की रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि वे अपनी हरी ऊर्जा और बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं के लिए कैप्टिव उपभोग को सुनिश्चित कर सकें।

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