Govardhan Puja 2024: क्यों मनाई जाता है गोवेर्धन पूजा पर्व? जानें कब है यह त्योहार और इसका शुभ मुहूर्त

Govardhan Puja 2024: क्यों मनाई जाता है गोवेर्धन पूजा पर्व? जानें कब है यह त्योहार और इसका शुभ मुहूर्त
Last Updated: 2 घंटा पहले

गोवर्धन पूजा का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत को समर्पित है। यह पर्व प्रतिवर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। ऐसा मानना है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के साथ-साथ 56 भोग अर्पित करने से भक्त को सभी दुखों और संतापों से मुक्ति मिलती है।

Govardhan Puja 2024: सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja 2024) का विशेष महत्व है। इस दिन देशभर में उत्सव का माहौल देखने को मिलता है। यह पर्व दीपावली के बाद वाले दिन मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर गाय के गोबर से भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप बनाया जाता है, जिसके बाद विधिपूर्वक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।

इस दौरान भगवान को प्रिय भोग भी अर्पित किए जाते हैं। धार्मिक आस्था के अनुसार, इन क्रियाओं को करने से साधक की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और जीवन में सफलता पाने के लिए दान भी किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि गोवर्धन पूजा क्यों मनाई जाती है? यदि नहीं, तो आइए इस पर्व के पीछे की कहानी को जानते हैं।

गोवर्धन पूजा की शुरुआत का इतिहास

पौराणिक कथा के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के घमंड को तोड़ा था। जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के क्रोध से ब्रजवासियों की रक्षा करने के लिए अपनी तर्जनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। इसके पश्चात, सभी ब्रजवासी अपने पशुओं के साथ पर्वत के नीचे गए, जिससे वे इंद्रदेव के क्रोध से सुरक्षित हो गए। इसके बाद ब्रजवासियों ने भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की और भोग अर्पित किए। तभी से हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है।

गोवर्धन पूजा की तारीख और समय

गोवर्धन पूजा का पर्व 02 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होती है, जो 01 नवंबर को शाम 06:16 बजे से शुरू होकर 02 नवंबर को रात 08:21 बजे तक रहेगी।

शुभ मुहूर्त

प्रातःकाल मुहूर्त- सुबह 06:34 से 08:46 तक

विजय मुहूर्त- दोपहर 02:09 से 02:56 तक

संध्याकाल मुहूर्त- दोपहर 03:23 से 05:35 तक

गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:05 से 06:30 तक

त्रिपुष्कर योग- रात 08:21 तक, 03 नवंबर को सुबह 05:58 तक

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