Iran Israel War: ईरान ने इजरायल पर दागीं मिसाइलें, भड़क गया अमेरिका, बदला लेने के लिए उठाया यह बड़ा कदम

Iran Israel War: ईरान ने इजरायल पर दागीं मिसाइलें, भड़क गया अमेरिका, बदला लेने के लिए उठाया यह बड़ा कदम
Last Updated: 13 अक्टूबर 2024

ईरान ने हिज़बुल्लाह का बदला लेने के उद्देश्य से इजरायल पर 1 अक्टूबर को हमला करते हुए लगभग 180 मिसाइलें दागीं, जिसके बाद अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाया। इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव और अधिक बढ़ गया और अमेरिका ने अपने सहयोगी इजरायल की सुरक्षा के लिए प्रतिक्रिया दी।

वॉशिंगटन: 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा इजरायल पर करीब 180 मिसाइलें दागे जाने के बाद, अमेरिका ने शनिवार को ईरान के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए नई पाबंदियों की घोषणा की है। ये प्रतिबंध विशेष रूप से ईरान के ऊर्जा क्षेत्र को लक्षित करते हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अमेरिकी प्रशासन ने ईरान के खिलाफ यह कदम इजरायल पर किए गए मिसाइल हमलों के जवाब में उठाया है, ताकि ईरान को आर्थिक और सामरिक रूप से कमजोर किया जा सके।

ईरान ने कहा था कि उसने यह मिसाइल हमले इजरायल द्वारा हाल के हफ्तों में लेबनान में हिज़बुल्लाह पर किए गए भीषण हमलों के जवाब में किए थे। हिज़बुल्लाह को लंबे समय से ईरान का समर्थन प्राप्त है, और वह गाजा में इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष के दौरान इजरायल पर रॉकेट दाग रहा है। गाजा में बढ़ती हिंसा और इस क्षेत्रीय संघर्ष ने मध्य पूर्व में तनाव को और भी गंभीर बना दिया हैं।

तेल की ढुलाई वाली कंपनियों पर लगाया बैन

अमेरिका ने शनिवार को ईरान के खिलाफ जो नई पाबंदियों का ऐलान किया, उनमें ईरान के "गुप्त बेड़े" के जहाजों और उनसे जुड़ी कंपनियों पर विशेष रूप से प्रतिबंध शामिल हैं। ये जहाज और कंपनियां संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, हांगकांग और अन्य स्थानों पर स्थित हैं, जो कथित तौर पर एशिया में ईरानी तेल की गुप्त ढुलाई कर रहे हैं। यह नेटवर्क ईरान की तेल बिक्री को जारी रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, और यह वैश्विक तेल बाजार में ईरान की आर्थिक शक्ति को बढ़ाने में सहायक है, जो अमेरिका के लिए चिंता का विषय है।

इसके साथ ही, अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री और ढुलाई से संबंधित एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर भी प्रतिबंध लगाए हैं। इस नेटवर्क में सूरीनाम, भारत, मलेशिया और हांगकांग की कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों पर आरोप है कि वे ईरान की ऊर्जा निर्यात गतिविधियों में शामिल हैं, जो ईरान को आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने में मदद करती हैं, जिससे वह अपनी क्षेत्रीय गतिविधियों, जैसे हिजबुल्लाह और अन्य मिलिशिया समूहों को समर्थन देने के लिए धन जुटा रहा हैं।

अमेरिका के NSA ने बयान में क्या कहा?

अमेरिका के मौजूदा कानून के तहत, ईरान के ऊर्जा क्षेत्र पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ ईरानी तेल की खरीद, बिक्री और ढुलाई करने वाली विदेशी कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाने का अधिकार है। हालांकि, ऊर्जा प्रतिबंध अक्सर एक जटिल मुद्दा होता है, क्योंकि इससे वैश्विक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिनकी अमेरिका और उसके सहयोगियों को आवश्यकता होती है। ऊर्जा प्रतिबंधों का सीधा असर वैश्विक बाजारों पर पड़ता है, जिससे अमेरिका को संतुलन बनाए रखने की जरूरत होती हैं।

नेशनल सिक्यॉरिटी एडवाइजर जेक सुलिवन ने कहा कि नए प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरान को उन वित्तीय संसाधनों से वंचित करना है, जिनका वह इस्तेमाल अपने मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए करता है। इन प्रतिबंधों के तहत, अमेरिका ईरान के मिसाइल प्रोग्राम और अन्य सैन्य गतिविधियों को रोकने की कोशिश कर रहा है, जिससे मध्य पूर्व क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ रही है। अमेरिका का मानना है कि आर्थिक दबाव डालने से ईरान को अपनी आक्रामक रणनीतियों और क्षेत्रीय हस्तक्षेप पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।

 

 

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