Sector 36 Official Trailer Review: 12वीं फेल" विक्रांत मैसी का "सेक्टर 36" में शानदार प्रदर्शन! अपनी एक्टिंग से लोगों के उड़ाए होश

Sector 36 Official Trailer Review: 12वीं फेल
Last Updated: 14 सितंबर 2024

'सेक्टर 36' में दिखाए गए किरदारों की दोहरी पहचान, आपके दिमाग को सोचने पर मजबूर कर देती है। एक तरफ प्रेम के लिए किया गया अपराध उसे राक्षस बना देता है, लेकिन दूसरी तरफ अपनी पत्नी और बेटी के लिए वो एक आम इंसान की तरह नरम दिल है। पांडे दिल से तो ईमानदार है, लेकिन सिस्टम में बने रहने के लिए उसे 'एडजस्ट' करना पड़ा है। ये दोहरी पहचान, किरदारों को और भी जटिल और मनोरंजक बनाती है।

Sector 36 Review: आपने "12वीं फेल" में विक्रांत मैसी का स्वीट-सिंपल किरदार देखा है, तो "सेक्टर 36" देखने से पहले खुद को एक बड़े झटके के लिए तैयार कर लें। नेटफ्लिक्स की इस नई फिल्म में विक्रांत का किरदार और उनका काम देखकर आप सन्न रह जाएँगे।

दर्शक के रूप में जो अनुभव आपको होता है, "सेक्टर 36" के अभिनेता दीपक डोबरियाल उसी का प्रतीक बनते हैं। दीपक का किरदार राम चरण पांडे, स्क्रीन पर पुलिस के सबसे वास्तविक प्रतिनिधित्व में से एक है। "सेक्टर 36" एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है जो मानव व्यवहार और मनोविज्ञान की कई परतों को उजागर करती है। हालांकि, इस फिल्म में कुछ कमजोरियाँ भी पाई जाती हैं।

एक नाले से बंटे दो संसार

'सेक्टर 36' की कहानी का आरंभ एक नाले से जलकर बर्बाद हुए एक हाथ के मिलने के बाद होता है। इससे पहले, फिल्म अपने कथानक और पात्रों के लिए उपयुक्त माहौल का निर्माण करती है। घटनास्थल पर पहुंचे इंस्पेक्टर पांडे (दीपक डोबरियाल) अपने दो जूनियर्स के साथ यह निष्कर्ष निकालते हैं कि यह हाथ किसी बंदर का है। वे इस हाथ को देखने वाले पहले बच्चे को उसकी चतुराई का इनाम देने के लिए सौ रुपये देकर वहां से चले जाते हैं।

जटिलता की परतें "सेक्टर 36" के किरदारों की दोहरी प्रकृति दर्शक के दिमाग को उलझा देती है, एक अद्वितीय और मनोरंजक जटिलता पेश करती है। एक तरफ, प्रेम का अपराध उन्हें राक्षस बनाता है, लेकिन अपनी पत्नी और बेटी के लिए, वे एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही नरम और संवेदनशील हैं। पांडे, दिल से ईमानदार, सिस्टम में जीवित रहने के लिए "एडजस्ट" करने के लिए मजबूर हैं। यह उनके चरित्र की गहराई को उजागर करता है, एक ऐसा नायक जो नैतिक संघर्षों से जूझता है। यह जटिलता कहानी को और अधिक आकर्षक बनाती है और दर्शकों को इन पात्रों की आंतरिक दुनिया के बारे में सोचने पर मजबूर करती है।

इमोशन से झकझोरती, तर्क से तोड़ती फिल्म

"सेक्टर 36" का विश्लेषण "सेक्टर 36" एक ऐसी फिल्म है जो आपको झकझोर कर रख देती है, आपको इसके खत्म होने के बाद कुछ समय तक खामोशी में डुबाए रखती है।

हालांकि, एक अपराध थ्रिलर फिल्म में कुछ कमियां भी हैं जो इसे और भी प्रभावशाली बना सकती थीं। अपराध थ्रिलर फिल्मों को दो चीजें दिलचस्प बनाती हैं: अपराध और जांच की बारीकियां, और अपराध को जन्म देने वाली सामाजिक या व्यक्तिगत सोच की गहराई। "सेक्टर 36" अपने दूसरे भाग में काफी मजबूत है, लेकिन पहले भाग में यह थोड़ा कमजोर पड़ जाता है।

बहुत सारे बॉलीवुड कंटेंट की तरह, "सेक्टर 36" पुलिस की जांच और उसके दांव-पेंच को दिखाने में कई जगहों पर चूकती है। फिल्म का प्लॉट, 2006 के निठारी कांड से प्रेरित है, लेकिन दर्शकों को झकझोरने की कोशिश में, कहानी को गहराई में जाने से रोका गया है। फिल्म का स्क्रीनप्ले चीजों को जल्दबाजी में ऊपर-ऊपर से बताता है।

अभिनय की अद्भुत छाया

कमियों के बावजूद 'सेक्टर 36' से नज़रें हटाना कठिन है, और इसकी सबसे बड़ी वजह हैं कलाकारों का बेहतरीन अभिनय। विक्रांत मैसी ने साइकोपैथिक सीरियल किलर के किरदार में जो सनक भरी ऊर्जा डाली है, उसे देखकर आपको बेचैनी महसूस हो सकती है।

हम स्क्रीन पर खून-खराबे को खास क्रिएटिव तरीकों से देखने के आदी हो चुके हैं, लेकिन विक्रांत ने अपने किरदार के व्यवहार, कार्य और भावनाओं के माध्यम से एक वास्तविक डरावनी स्थिति बनाई है। वह देखने में उतना ही साधारण है जितना कि किसी सड़क पर मिलने वाला व्यक्ति, परंतु उसके दिमाग की गहराई 'राक्षस' की छवि से भी कहीं अधिक भयावह है। इसे विक्रांत की सर्वश्रेष्ठ परफॉर्मेंस में गिना जाएगा।

दीपक डोबरियाल ने अपने कॉप के किरदार को जिस अभिव्यक्ति की अर्थव्यवस्था के साथ निभाया है, वह अभिनय सीखने वालों के लिए एक उदाहरण है। दीपक वैसे ही हैं जैसे असली पुलिस वाले होते हैं, जिन्हें आप अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में मिलते हैं। विक्रांत के इंटेरोगेशन सीन में उनकी अवाक प्रतिक्रिया आश्चर्यजनक लगती है। उनकी आँखें उस दर्शक के भावनाओं को दर्शाती हैं, जो स्क्रीन पर फिल्म देख रहा है। इस पल को देखकर ही आप बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। आकाश खुराना और दर्शन जरीवाला जैसे वरिष्ठ कलाकारों ने भी अपने अभिनय से फिल्म को और भी वजनदार बना दिया है।

 

 

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