राजस्थान के रहले निवासी अनिल बिश्नोई ने पिछले 35 वर्षों में 10,000 से अधिक काले हिरणों की रक्षा की है और अपना पूरा जीवन इन्हें बचाने के लिए समर्पित किया है। काले हिरणों की सुरक्षा के प्रति उनका समर्पण और जुनून अत्यधिक प्रशंसा का पात्र है। वे हमेशा समुदाय के बीच जागरूकता फैलाते हैं और लोगों को काले हिरणों के संरक्षण के महत्व के बारे में समझाते हैं।
नई दिल्ली: मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या और सलमान खान को लॉरेंस बिश्नोई से मिली धमकी इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। लॉरेंस बिश्नोई का कहना है कि सलमान खान ने काले हिरणों का शिकार कर उनके समाज की आस्था का अपमान किया है, और अब वह इस घटना का बदला लेना चाहते हैं। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ध्रुव राठी ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने काले हिरणों के वास्तविक रक्षक के रूप में अनिल बिश्नोई का नाम लिया।
अनिल बिश्नोई, जो राजस्थान के रहने वाले हैं, ने पिछले 35 वर्षों में 10,000 से अधिक काले हिरणों की रक्षा की है और अपना जीवन इन जीवों के संरक्षण के लिए समर्पित किया है। ध्रुव राठी ने अनिल बिश्नोई के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें काले हिरणों का असली रक्षक बताया। इसके बाद से ही अनिल बिश्नोई का नाम सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा, और लोगों के बीच यह सवाल उठने लगा कि आखिर अनिल बिश्नोई कौन हैं और क्यों ध्रुव राठी ने उनका नाम लेकर लॉरेंस बिश्नोई को आईना दिखाया हैं।
कौन हैं अनिल बिश्नोई?
51 वर्षीय अनिल बिश्नोई राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले हैं और उन्होंने पिछले 35 वर्षों में 10,000 से अधिक काले हिरणों की रक्षा की है। इस दौरान उन्होंने 300 से ज्यादा शिकारियों को गिरफ्तार करवाने में मदद की है, जिन्होंने काले हिरणों का शिकार किया। अनिल बिश्नोई ने काले हिरणों की रक्षा के लिए कई अभियानों का संचालन किया है और उनका यह कार्य उन्हें क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख रक्षक के रूप में स्थापित करता हैं।
अनिल का नाम पहले भी कई बार चर्चा में रहा है, और उनकी सक्रियता ने उन्हें 50 से अधिक पंचायतों में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बना दिया है। वह अकसर लोगों को काले हिरणों के संरक्षण के प्रति जागरूक करते रहते हैं, और उनका उद्देश्य समाज में इस प्रजाति की रक्षा के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाना है। उनके प्रयासों ने न केवल शिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बल्कि काले हिरणों के संरक्षण के लिए एक मजबूत सामाजिक आंदोलन की नींव भी रखी हैं।
अनिल बिश्नोई ने हिरणों के शिकार को रोकने के लिए चलाए अभियान
अनिल बिश्नोई ने काले हिरणों के शिकार को रोकने के साथ-साथ उनके संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उन्होंने राजस्थान के 60 से ज्यादा गांवों में जलाशयों का निर्माण कराया और कई जलाशयों का पुनरुद्धार भी किया, जिससे स्थानीय वन्यजीवों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित हो सकी। इसके अलावा, अगर किसी छोटे हिरण की मां मर जाती है, तो अनिल उन्हें अपने घर में पालते हैं और उनका ख्याल रखते हैं।
हिरणों के संरक्षण की दिशा में अनिल बिश्नोई ने अपने काम की शुरुआत सूरतगढ़ कॉलेज में पढ़ाई के दौरान की थी। कॉलेज में एक वन्यजीव संरक्षण से संबंधित कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद, उन्होंने यह तय किया कि उनका जीवन अब हिरणों और अन्य वन्यजीवों की रक्षा के लिए समर्पित होगा। अनिल ने तब से लगातार अपने प्रयासों को आगे बढ़ाया और समाज में इस विषय के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कई अभियानों का संचालन किया।