Ajmer Dargah: अजमेर दरगाह शरीफ पर सर्वे की मंजूरी, अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिका को किया स्वीकार

Ajmer Dargah: अजमेर दरगाह शरीफ पर सर्वे की मंजूरी, अदालत ने हिंदू पक्ष की याचिका को किया स्वीकार
Last Updated: 27 नवंबर 2024

हिंदू सेना ने अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। याचिका में एक किताब पेश की गई, जिसमें दरगाह स्थल पर हिंदू मंदिर होने का जिक्र था।

Ajmer Dargah: यूपी के संभल की जामा मस्जिद के बाद अब राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में भी सर्वे की अनुमति मिल गई है। निचली अदालत ने हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर याचिका को मंजूर करते हुए दरगाह को हिंदू मंदिर बताने का दावा स्वीकार किया है।

हिंदू पक्ष ने पेश किए सबूत

याचिका में हिंदू पक्ष ने यह दावा किया कि दरगाह के स्थल पर पहले एक हिंदू मंदिर था। साथ ही पूजा करने की अनुमति मांगी गई और पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वे की मांग की गई। हिंदू पक्ष ने अदालत में कुछ महत्वपूर्ण सबूत भी पेश किए, जिसमें एक किताब का हवाला दिया गया था, जिसमें दावा किया गया कि इस स्थल पर पहले एक मंदिर था।

पेश की गई किताब में क्या था दावा?

इस मामले की पिछली सुनवाई में, अदालत में 1911 में लिखी गई एक किताब पेश की गई थी। पुस्तक में यह दावा किया गया कि अजमेर शरीफ दरगाह की जगह पहले भगवान शिव का मंदिर था। किताब में बताया गया कि मंदिर में पूजा और जलाभिषेक होता था। इसके अलावा, दरगाह परिसर में मौजूद बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश पाए गए थे, जो हिंदू पक्ष के दावे को मजबूत करते हैं।

जिला अदालत में पेश की गई थी याचिका 

इससे पहले, हिंदू सेना ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका पेश की थी, लेकिन न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने यह कहकर सुनवाई से इनकार कर दिया था कि यह उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है। इसके बाद, याचिका को जिला अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया।

अब, अदालत के इस फैसले के बाद अजमेर शरीफ दरगाह में सर्वे के लिए रास्ता साफ हो गया है, और हिंदू पक्ष की याचिका पर अगला कदम उठाया जाएगा।

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