Bhadohi Crime News: यूपी में दिनदहाड़े हुआ गोलीकांड, भदोही में बाइक सवार बदमाशों ने कार रुकवाकर प्रिंसिपल को गोलियों से किया छलनी

Bhadohi Crime News: यूपी में दिनदहाड़े हुआ गोलीकांड, भदोही में बाइक सवार बदमाशों ने कार रुकवाकर प्रिंसिपल को गोलियों से किया छलनी
Last Updated: 22 अक्टूबर 2024

उत्तर प्रदेश के भदोही में एक सनसनीखेज वारदात हुई है, जहां बाइक सवार बदमाशों ने दिनदहाड़े इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य योगेंद्र बहादुर सिंह को गोलियों से भून डाला। घटना के समय दूसरा बदमाश ड्राइवर पर बंदूक ताने हुए था, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल बन गया हैं।

भदोही: इंद्र बहादुर सिंह नेशनल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य योगेंद्र बहादुर सिंह की हत्या बाइक सवार बदमाशों द्वारा की गई। यह घटना सोमवार सुबह 8:45 बजे उस समय हुई जब 56 वर्षीय प्रधानाचार्य कार से चालक के साथ कॉलेज जा रहे थे। बदमाशों ने कार को ओवरटेक करके रोकने के बाद चार गोलियां प्रधानाचार्य पर दागीं। जान बचाने के प्रयास में उन्हें तुरंत अस्पताल नहीं ले जाया जा सका, क्योंकि हमलावरों ने गोली मारकर कार का पहिया भी पंक्चर कर दिया था। इस वारदात में प्रधानाचार्य की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के कारण का पता नहीं चल सका है और पुलिस ने बदमाशों की तलाश के लिए तीन टीमें लगा दी हैं।

बदमाशों ने कार रुकवाकर प्रिंसिपल को मारी गोली

योगेंद्र बहादुर सिंह अमिलौरी में रहते थे और सोमवार की सुबह कॉलेज के लिए निकले थे। जब वह बसावनपुर गांव के राजकीय नलकूप के पास पहुंचे, तो बाइक सवार दो लोगों ने उनकी कार को ओवरटेक कर मोबाइल फोन दिखाकर रुकने का इशारा किया। कार चालक संतोष सिंह के अनुसार, प्रधानाचार्य ने समझा कि किसी का मोबाइल फोन छूट गया है और उन्हें इसे आगे देना है, इसलिए उन्होंने गाड़ी रोकने का कहा।

जैसे ही कार रुकी, योगेंद्र बहादुर ने शीशा नीचे किया। इस पर पीछे बैठे बदमाश ने पास आकर उन पर ताबड़तोड़ चार गोलियां चलाईं, जो उनके पेट और सीने में लगीं। इसके बाद हमलावरों ने कार के अगले पहिये में भी गोली मारकर उसे पंक्चर कर दिया। इस खतरनाक हमले ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है, और पुलिस अब हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही हैं।

दूसरे बदमाश ने कार चालक संतोष सिंह पर पिस्टल तान रखी थी। प्रधानाचार्य को गोली मारने के बाद, दोनों बदमाश तेजी से जौनपुर की ओर भाग निकले। चालक संतोष सिंह के अनुसार, दोनों बदमाशों ने न तो हेलमेट पहना था और न ही अपना मुंह ढका हुआ था, जिससे उनकी पहचान के लिए कोई साक्ष्य नहीं है। हालांकि, संतोष सिंह ने हमलावरों को पहचान नहीं पाया, लेकिन उनकी यह लापरवाही पुलिस के लिए एक सुराग बन सकती हैं।

घटनास्थल पर पहुंचे डीआइजी और एसपी

डीआइजी और एसपी ने घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन की। योगेंद्र बहादुर सिंह की नियुक्ति 1991 में नेशनल इंटर कॉलेज में कामर्स के प्रवक्ता के रूप में हुई थी, और इस साल एक जुलाई को उन्हें वरिष्ठता के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि हत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका हैं।

हत्यारों की पहचान के लिए पुलिस बाजारों में सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने तीन टीमें गठित की हैं। मौके से .32 बोर के चार खोके बरामद हुए हैं, जो इस बात का संकेत देते हैं कि हत्या योजनाबद्ध तरीके से की गई थी। पुलिस अब इस मामले को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और स्थानीय लोगों से भी जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही हैं।

 

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