बिहार: "मातृ-पितृ पूजन दिवस" समारोह का नौवीं बार आयोजन, पूजा का दृश्य देख भावविभोर हुए लोग

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Last Updated: 18 फरवरी 2024

बिहार: "मातृ-पितृ पूजन दिवस" समारोह का नौवीं बार आयोजन, पूजा का दृश्य देख भावविभोर हुए लोग 

भारत देश में माता-पिता का स्थान सबसे ऊपर माना जाता है. बिहार में "मातृ-पितृ पूजन दिवस" पर बुधवार को लाजपत पार्क में भव्य समारोह का आयोजन हुआ। जागृत युवा समित की ओर से यह आयोजन नौंवी बार आयोजित किया गया है. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण संतानों द्वारा अपने-अपने माता-पिता का पूजन करने का था. कार्यक्रम के दौरान सभी बच्चे भगवान के बाल रूप में पहुंचे।

Subkuz.com पत्रकार को प्राप्त जानकारी के अनुसार कार्यक्रम का शुभारंभ जागृत युवा समित के संरक्षक डॉ. मथुरा प्रसाद दुबे, कार्यक्रम संयोजक रोहित पांडेय, आरएसएस के भागलपुर विभाग शारीरिक प्रमुख मदन कुमार, डॉ. प्रीति शेखर, योगी राजीव मिश्रा, चंदन ठाकुर, प्रीतक आनंद, शरद सलारपुरिया, जिया गोस्वामी, दिलीप शास्त्री ने किया हैं।

भगवान के बाल रूप में की माता-पिता की पूजा

जानकारी के अनुसार संदीप कुमार के निर्देशन पर बच्चों ने लघु नाटक प्रस्तुत किया। भगवान के बाल रूप में पहुंचे बच्चों को देख सभी को रोमांचित कर दिया। बच्चों ने राम आएंगे, आएंगे, राम आएंगे भजन पर बहुत ही सुंदन झांकी प्रस्तुत की। बच्चों का नृत्य देखकर सभी भावविभोर हो गए। सौ बच्चों ने अपने-अपने माता-पिता का पूजन किया। इस दौरान बीच-बीच में हो रही वर्षा से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि भगवान इस दृश्य को देखकर भावविभोर हो गए।

बताया कि बच्चों ने भगवान गणेश की तरह अपने माता-पिता की परिक्रमा की, माला पहनाई और आरती उतारी बाद में चरणामृत ग्रहण किया। उसके बाद   माता-पिता ने अपनी संतान को गले लगाया जिसे देखकर सभी की आंखें भर आई। इस अवसर पर विश्वजीत कुमार, चंदन चंद्राकार, संतोष मिश्रा, अमित चंद्रवंशी, चंदन पांडेय, नीतीश हरिओम, सुमित चंद्रवंशी, आशीष आदि लोग मौजूद थे। सभी बच्चों को जागृत युवा समिति की तरफ से पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

अपने संस्कार न भूलें- डा. प्रीति शेखर

जानकारी के अनुसार डॉ. प्रीति शेखर ने कहां कि अपनी संस्कृति और संस्कार ने कभी नहीं भूलना चाहिए। मातृ-पितृ पूजन दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है. रोहित पांडेय ने इस आयोजन को लेकर कहां की यह माता-पिता को समर्पित है. धन्य हैं वे औलाद जिन्होंने अपने माता-पिता को नहीं छोड़ा। पांडेय ने इस कार्यक्रम के लिए जागृत युवा समिति को धन्यवाद दिया।

 

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