जम्मू कश्मीर के डोडा में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में सेना के चार जवान शहीद हो गए। इन शहीदों में कैप्टन बृजेश थापा भी शामिल थे. उनकी मौत की खबर सुनने के बाद परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। कैप्टन थापा के चाचा जम्मू में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर चिंता जाहिर शव आने का इंतजार कर रहे हैं।
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के डोडा में बीती रात (सोमवार) को घने जंगलों में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के चार जवान शहीद हो गए। इनमे कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी. राजेश कुमार, सिपाही बिजेंद्र कुमार और अजय कुमर शामिल थे. इस मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का एक जवान भी वीरगति को प्राप्त हो गया। बता दे 26 वर्षीय आर्मी ऑफिसर बृजेश थापा दार्जिलिंग के बड़ा गिंग बाजार के निवासी थे. उनकी तीन पीढ़ियां सेना को समर्पित रही हैं. कैप्टन बृजेश थापा की मौत की खबर सुनकर उनके परिवार में शोक लहर दौड़ गई।
कैप्टन थापा के चाचा योगेश कुमार थापा ने अपना दर्द बयां करते हुए पत्रकारों से कहां कि लोगों के लिए यह कहना बहुत आसान है कि इस अधिकारी ने देश के लिए अपना बलिदान दिया हैं, लेकिन इसका दर्द उनका परिवार कभी नहीं झेल पाएगा। बताया कि बृजेश के पिता भी कर्नल रैंक से रिटायर हुए हैं. हमारा परिवार आर्मी के लिए ही बना हैं।
कैप्टन थापा की मां ने बयां किया दर्द
कैप्टन बृजेश कुमार थापा की मां निलिमा थापा ने आखिरी मुलाकात को याद करते हुए पत्रकारों से कहां कि 'बृजेश मार्च के महीने में घर आया था और अब इसी महीने में आने वाला था. वह हमेशा खुश रहता और सब को हंसाता रहता था. मेरा बेटा देश के लिए हमेशा कुछ करने के बारे में सोचता रहता था. उसको केवल सादा खाना ही पसंद आता था. पहले हलवा ज्यादा पसंद करता, लेकिन बाद में मोटा हो जाऊंगा ऐसा सोचकर उसने मीठा खाना छोड़ दिया. मुहे मेरे बेटे के इस बलिदान पर गर्व हैं की वह दुश्मनो से लड़ते हुए शहीद हुआ।'
केंद्र को आतंकवाद पर लेना चाहिए एक्शन
कैप्टन बृजेश कुमार थापा के चाचा योगेश कुमार थापा ने कहां कि जम्मू कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर केंद्र सरकार को एक्शन लेना चाहिए। इन दिनों सुरक्षा बलों पर बार-बार हमले हो रहे हैं, लेकिन सभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी है। उन्होंने कहां कि अब केवल कैप्टन को बॉडी आने का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद हम पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग स्थित अपने घर जाएंगे। क्योकि अभी थापा के माता-पिता दार्जिलिंग में ही हैं। उन्होंने सरकार से उम्मीद जताई कि कल तक कैप्टन बृजेश कुमार थापा का शव सौंप दिया जाएगा।