उत्तर प्रदेश के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर चुके हैं, जिससे दिल्ली की सीमा पर यातायात और सुरक्षा स्थिति प्रभावित हुई है। किसानों की मुख्य मांगों में 64.7% अधिक मुआवजा और 10% आबादी भूखंड का आवंटन शामिल हैं।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के किसानों के दिल्ली कूच करने के कारण दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में यातायात व्यवस्था बाधित हुई है। चिल्ला बॉर्डर और डीएनडी फ्लाईवे जैसे मुख्य मार्गों पर सोमवार सुबह से भारी ट्रैफिक जाम देखा गया। रूट डायवर्जन और पुलिस की सख्त चेकिंग की वजह से नोएडा से दिल्ली जाने वाले मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
चिल्ला बॉर्डर पर सेक्टर 15ए और कालिंदी कुंज से दिल्ली की ओर जाने वाले रास्तों पर यातायात अधिक प्रभावित हुआ। इससे दैनिक यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि जाम के चलते कई वाहन घंटों तक फंसे रहे। किसानों की मुख्य मांगें एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी, मुआवजा बढ़ोतरी, और भूमि अधिग्रहण से संबंधित समस्याओं का समाधान हैं। सुरक्षा के मद्देनज़र, बॉर्डर इलाकों पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई हैं।
किसानों की 7 मांगें
➤आबादी भूखंड का आवंटन: किसानों ने 10% आबादी भूखंड दिए जाने की मांग की है, जिससे प्रभावित किसानों और उनके परिवारों को पुनर्वास में सहायता मिल सके।
➤मुआवजा: भूमि अधिग्रहण के लिए 64.7% अधिक मुआवजा दिया जाए। नए 2013 भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का चार गुना मुआवजा सुनिश्चित किया जाए।
➤रोजगार और पुनर्वास: भूमिधर और भूमिहीन किसानों के सभी बच्चों को रोजगार दिया जाए। पुनर्वास और रोजगार योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।
➤आबादी क्षेत्र का निस्तारण: आबादी वाले क्षेत्रों का उचित बंदोबस्त और पुनर्वास के लाभ प्रदान किए जाएं।
➤न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी): एमएसपी की कानूनी गारंटी लागू की जाए, जिससे कृषि उत्पादों का उचित मूल्य सुनिश्चित हो सके।
➤अन्य मांगें: 20% प्लॉट और प्रभावित किसानों को सभी सरकारी लाभ दिए जाने की अपील की गई है। किसानों ने पारित मुद्दों पर स्पष्ट शासनादेश जारी करने की भी मांग की है।
दिल्ली पुलिस और गौतमबुद्धनगर पुलिस ने किए सुरक्षा के इंतजाम
दिल्ली पुलिस और गौतमबुद्धनगर पुलिस ने किसानों के कूच के कारण यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए विस्तृत व्यवस्था की है। किसानों द्वारा दिल्ली कूच के आह्वान के चलते बॉर्डर इलाकों में चेकिंग और सुरक्षा की सख्त व्यवस्था की गई थी, जिससे शुरुआत में ट्रैफिक धीमा था। हालांकि, वर्तमान में यातायात सामान्य गति से चल रहा है और रेड लाइट्स को ग्रीन कर दिया गया है ताकि वाहन बिना रुकावट के गुजर सकें।
संयुक्त पुलिस आयुक्त शिवहरि मीना के अनुसार, किसानों से संवाद लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि वार्ता के दौरान मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। लगभग 5000 पुलिसकर्मी और 1000 PAC जवान विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं। त्रिस्तरीय सुरक्षा योजना लागू की गई है। इसमें वाटर कैनन, टियर गैस स्क्वाड और अन्य अनुशासनात्मक बलों को शामिल किया गया हैं।