Foreign Minister Jaishankar: अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीय नागरिकों पर राज्यसभा में बोले विदेश मंत्री जयशंकर, कहा- 'सभी देशों का दायित्व है कि...'

Foreign Minister Jaishankar: अमेरिका से निर्वासित किए गए भारतीय नागरिकों पर राज्यसभा में बोले विदेश मंत्री जयशंकर, कहा- 'सभी देशों का दायित्व है कि...'
अंतिम अपडेट: 3 घंटा पहले

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि सभी देशों का यह दायित्व है कि वे विदेशों में अवैध रूप से रहने वाले अपने नागरिकों को अपने देश वापस बुलाएं। उन्होंने इस संदर्भ में अमेरिका द्वारा निर्वासित किए गए भारतीय नागरिकों का उल्लेख किया और कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो किसी भी देश द्वारा अपनाई जा सकती हैं।

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में डिपोर्टेशन के मुद्दे पर जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह प्रक्रिया पहले से चल रही है। उन्होंने बताया कि 2012 से ही मिलिट्री प्लेन का उपयोग करके अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस भेजा जाता रहा है। एस. जयशंकर ने यह भी कहा कि इस दौरान किसी भी भारतीय नागरिक के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया। 

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जिन्हें वापस भेजा गया, उन्हें पूरी तरह से सुविधाएं दी गईं, जिसमें टॉयलेट ब्रेक जैसी जरूरी चीजें शामिल थीं, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यह कदम सिर्फ उन लोगों के लिए था जो अवैध रूप से विदेशों में रह रहे थे और इसे कानून के मुताबिक किया गया।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा

राज्यसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने डिपोर्टेशन मुद्दे पर स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है और भारतीय नागरिकों के डिपोर्टेशन की प्रक्रिया 2012 से चली आ रही है। उन्होंने बताया कि अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजने के लिए सरकार मिलिट्री प्लेन का उपयोग करती रही है। जयशंकर ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में किसी भी नागरिक के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया और सभी को बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गईं।

विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यह एक सामान्य अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया है, जो सभी देशों के लिए लागू होती है, और किसी भी देश का यह दायित्व है कि अगर उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे हैं, तो उन्हें वापस लाया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ भारत के नागरिकों के लिए नहीं, बल्कि सभी देशों के लिए समान रूप से लागू होता है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि भारतीय सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही हैं।

विपक्ष दलों ने संसद में उठाया यह मामला

अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों के डिपोर्टेशन के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सांसदों ने सरकार की आलोचना की और उनके साथ किए जा रहे व्यवहार पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। 

वे संसद परिसर में एकजुट हुए और अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारतीय नागरिकों के साथ किए गए कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की। विरोध के दौरान कुछ विपक्षी नेताओं ने हथकड़ी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे यह मुद्दा और भी गरमा गया।

विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि भारतीय नागरिकों के साथ अमानवीय तरीके से व्यवहार किया जा रहा है और सरकार इस पर चुप है। इसके जवाब में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में अपनी टिप्पणी में कहा कि डिपोर्टेशन एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमें भारतीय नागरिकों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं हुआ। हालांकि, विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार से जवाबदेही की मांग कर रहा हैं।

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