गरीबी के संघर्ष में झूझ रही ऑटो ड्राइवर की बेटी, पांचवे प्रयास में NEET को सफलता से किया पास

गरीबी के संघर्ष में झूझ रही ऑटो ड्राइवर की बेटी, पांचवे प्रयास में NEET को सफलता से किया पास
Last Updated: 2 घंटा पहले

रूबी प्रजापति ने वर्ष 2023 की नीट परीक्षा में 635 अंक प्राप्त किया।  दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल वर्धमान मेडिकल कॉलेज में MBBS में दाखिला लिया है। उन्हें पहले चार प्रयासों में असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अंततः, उन्होंने अपने पांचवे प्रयास में नीट को सफलता से पास कर लिया।

New Delhi:  हिम्मत और कुछ कर दिखाने का जुनून सफलता की कुंजी मानी जाती है। ऐसा ही एक अद्वितीय कार्य रूबी प्रजापति ने करके दिखाया। एक ऑटो ड्राइवर की बेटी, जो लगातार गरीबी से संघर्ष कर रही थी, लेकिन उसके जज्बे ने उसे नीट परीक्षा में सफलता दिलाई और डॉक्टर बनने का सपना साकार करने में मदद की।

वर्तमान में, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल वर्धमान मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही रूबी ने नीट यूजी के पहले चार प्रयासों में असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अंततः उन्होंने 2023 में फिर से परीक्षा दी और अपने पांचवें प्रयास में 635 अंक प्राप्त करके अपनी सीट सुनिश्चित की।

पिता के मित्र ने पढ़ाई में की सहायता

रूबी के पिता एक ऑटो ड्राइवर हैं, जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी। इस वजह से वे अपनी बेटी के सपनों को संजोने में मदद नहीं कर पा रहे थे। लेकिन ऐसे कठिन समय में, उनके पिता के एक मित्र ने आगे बढ़कर उनकी सहायता की। उन्होंने रूबी की पढ़ाई के लिए एक वर्ष तक सभी खर्चों का जिम्मा उठाया।

बीमारियों से संघर्ष करने के बाद भी नहीं मानी हार

रूबी प्रजापति वर्ष 2018 तक कई बीमारियों से जूझ रही थीं। 9 साल पहले उनके भाई का भी बीमारी के कारण निधन हो गया था। लेकिन उन्होंने बीमारी का सामना करने के साथ-साथ अपनी शिक्षा का जज्बा भी नहीं छोड़ा। वर्ष 2018 में वे पूरी तरह से स्वस्थ हो गईं और इसके बाद उन्होंने निरंतर नीट की तैयारी की, जिसके फलस्वरूप उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में सफलता प्राप्त की।

गांव में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का सपना

रूबी ने गरीबी के कारण अपने भाई को मरते हुए देखा है, और यह दर्द उन्हें आज भी याद है। रूबी की मां का कहना है कि आर्थिक तंगी के चलते वे अपने बेटे का उचित इलाज नहीं करा पाईं। इस अनुभव ने रूबी को प्रेरित किया है कि वह चिकित्सा की पढ़ाई पूरी करके अपने गांव में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना चाहती हैं। उनका उद्देश्य है कि कोई और परिवार ऐसी दुखद स्थिति का सामना करे और हर व्यक्ति को सही और समय पर चिकित्सा मिल सके।

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