गुजरात में एक गेमिंग जोन में भीषण आग लगने से बच्चों समेत 35 लोगों की मौत के बाद कोर्ट ने लापरवाही के लिए पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इस हादसे के बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई।
Rajkot Game Zone Tragedy: गुजरात में हुए राजकोट गेमिंग अग्निकांड मामले में सोमवार को हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। इस हादसे में वहां मौजूद बच्चों सहित 35 लोगों की मौत हो गई थी। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सख्त कार्रवाई करते हुए 2 पुलिस निरीक्षकों और तीन नागरिक अधिकारीयों को बिना अप्रूवल के खेल क्षेत्र को संचालित करने की अनुमति देने और लापरवाही करने पर निलंबित कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि घटनास्थल से सबूत मिटाने की कोशिश की जा रही है। इस घटना का जिम्मेदार बताते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई।
अग्निकांड में 35 लोगों की मौत
मिली जानकारी के अनुसार, 25 मई को शाम राजकोट के नाना-मावा इलाके में TRP गेम जोन में भीषण आग लग गई। इस भयानक हादसे में 12 बच्चों समेत 35 लोगों की मौत हो गई। रविवार को गेम जोन के मैनेजर नितिन जैन और उसके साथी युवराज सिंह व राहुल राठौड़ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसकेअलावा पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।
हाई कोर्ट ने दिया आदेश
बता दें कि अदालत में इससे पहले रविवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राजकोट अग्निकांड मामले को 'मानव निर्मित आपदा' करार दिया। जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवन देसाई की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस तरह के गेमिंग जोन और मनोरंजक सुविधाएं सक्षम प्राधिकारियों से आवश्यक मंजूरी लिए बिना बनाई गई हैं। जिसके तहत इन अधिकारीयों पर क़ानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। जस्टिस ने अदालत में ये भी पूछा कि 'कानून के किस प्रावधान के तहत इन गेमिंग जोन स्थापित किया गया।'
केस लड़ने के लिए आरोपियों के पास वकील नहीं
मामले पर सुनवाई के दौरान राजकोट बार एसोसिएशन की ओर से आज एक अहम फैसला सुनाया गया। जिसमें TRP गेम जोन में लगी आग के बाद यह फैसला सुनाया गया है कि राजकोट में आरोपियों की ओर से एक भी वकील केस नहीं लड़ेगा। इसके अलावा अगर मृतक के परिवार वालों को कोई वकील नियुक्त करना हो तो, पीड़ित परिवारों का केस मुफ्त में लड़ा जाएगा।