Bihar-झारखंड पेंशन विवाद! सरकार की एक नई पहल, विवाद निपटाने के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन

Bihar-झारखंड पेंशन विवाद! सरकार की एक नई पहल, विवाद निपटाने के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन
Last Updated: 01 जून 2024

राज्य सरकार से अभी तक बिहार और झारखंड के बीच पेंशन विवाद का मामला सुलझ नहीं पाया है। दोनों के प्रयास करने पर भी सफलता नहीं मिल पाई। इसी दौरान अब पेंशन विवाद निपटाने के लिए सरकार की ओर से एक और पहल की जा रही है।

पटना न्यूज़: बिहार और झारखंड के बीच पेंशन विवाद का मामला अभी भी बढ़ता जा रहा है। दोनों राज्यों के कई प्रयास के बाद भी इस विवाद का निपटारा नहीं हो पाया। इसी को लेकर अब एक नई पहल की जा रही है। जिसके तहत केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद दोनों राज्यों के महालेखाकारों को गृह मंत्रालय ने सही आंकड़े जुटा रहे हैं।

बिहार में तीन सदस्यीय समिति

subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार बिहार में इस पेंशन विवाद को लेकर वित्त विभाग की ओर से तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसका कार्य बैंकों से PPO का मिलान करना है। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के महालेखाकार को निर्देश दिया था कि पेंशन मद में राशि का भुगतान और बकाया से संबंधित सही आंकड़ा उपलब्ध कराया जाएगा।

उनके द्वारा यह निर्देश पूर्वी क्षेत्र परिषद की बैठक के बाद दिया गया। 10 दिसंबर, 2023 को पटना में हुई उस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  की थी। जिसमें राज्यों की बकाया पेंशन का मुद्दा उठा था।

दोनों राज्यों के बीच क्या था मामला

दरअसल, जांच के दौरान पेंशन राशि के भुगतान प्राप्ति से संबंधित दोनों राज्यों के आंकड़े मेल नहीं खा रहे। बताया कि अब तीन सदस्यीय समिति द्वारा इसकी समीक्षा कर बैंकों के सहयोग से पीपीओ का रैंडम मिलान कर सही जानकारी एकत्रित करेगी। उल्लेखनीय है कि बैंक में पीपीओ (PPO) 12 अंकों का यूनिक नंबर होता है। उसमें पेंशन योजना से जुड़ी सभी जानकारी निहित होती है।

बता दें कि पेंशन प्राप्त करने के लिए यह नंबर आवश्यक होता है। दोनों राज्यों के मध्य विवाद की जड़ का कारण अपने-अपने तर्क हैं। राज्य के बंटवारे के समय तय किया गया था कि उस समय तक कार्यरत सरकारी कर्मचारियों को दी जाने वाली पेंशन में 1/3 राशि का भुगतान झारखंड करेगा। शेष रही 2/3 राशि का वहन बिहार करेगा। इसी आधार पर बिहार सरकार पेंशन में बकाया 847 करोड़ रुपये की मांग कर रहा है।

भुगतान राशि से मुकर रहा है झारखंड

वहीं, इसी विवाद में जनसंख्या को आधार बनाते हुए झारखंड अपने हिस्से की देनदारी से मुकर रहा है। झारखंड सरकार का कहना है कि झारखंड के साथ ही छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड का भी गठन हुआ था। वहां ऐसे विवादों को हटाने के लिए जनसंख्या को आधार बनाया गया है। इसी दौरान झारखंड राज्य सरकार का कहना है कि वह एक तिहाई यानी 33 प्रतिशत के बजाय 25 प्रतिशत राशि देने के लिए तैयार है।

 

 

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