Jharkhand Land Mutation: झारखंड में दाखिल-खारिज प्रक्रिया पर सख्ती, अंचलाधिकारी को होगी जवाबदेही

Jharkhand Land Mutation: झारखंड में दाखिल-खारिज प्रक्रिया पर सख्ती, अंचलाधिकारी को होगी जवाबदेही
अंतिम अपडेट: 12-02-2025

झारखंड सरकार ने फैसला लिया है कि तकनीकी कारणों से जमीन के आवेदन अस्वीकृत करने पर अंचलाधिकारी पर कार्रवाई होगी। दाखिल-खारिज मामलों में अस्वीकृति के कारण सीओ को स्पष्ट बताना होगा।

Jharkhand Land Mutation: झारखंड सरकार ने भूमि संबंधी मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब तकनीकी कारणों से किसी भी आवेदन को अस्वीकृत करने पर अंचलाधिकारियों को कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। यह फैसला भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ द्वारा हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में लिया गया।

रैयतों के आवेदनों को बेवजह अस्वीकृत नहीं किया जा सकेगा

दीपक बिरुआ ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब रैयतों के भूमि संबंधित आवेदनों को बेवजह अस्वीकृत करने पर अंचलाधिकारी जिम्मेदार होंगे। मंत्री ने कहा कि तकनीकी कारणों से आवेदन अस्वीकृत करने का बहाना अब स्वीकार नहीं किया जाएगा। अंचलाधिकारी को अस्वीकृति के कारणों को 50 शब्दों में स्पष्ट और ठोस रूप से बताना अनिवार्य किया गया है। यह कदम भूमि मामलों में होने वाली गड़बड़ियों को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

मॉडर्न रूम में सुधार की जरूरत

मंत्री ने कहा कि माडर्न रिकार्ड रूम से खतियान निकालने में रैयतों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार सही छपाई या स्कैनिंग न होने के कारण रैयतों को अपने भूमि के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती। उन्होंने माडर्न रूम में भाषा अनुवाद की सुविधा देने और छपाई में सुधार करने के निर्देश दिए।

ग्रामीण सड़कों को नजरअंदाज करने पर आपत्ति

एनएचएआई द्वारा बनाई जा रही आरओबी परियोजनाओं पर मंत्री ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के निर्माण के कारण ग्रामीण सड़कों की स्थिति खराब हो रही है, जिससे आम लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने एनएचएआई से समय पर मुआवजा देने का भी आग्रह किया।

किसी भी विभागीय सुधार की समीक्षा

बैठक में विभागीय सचिव चंद्रशेखर ने राजस्व संग्रहण के वार्षिक लक्ष्य को पूरा करने की बात कही। इसके साथ ही कमजोर प्रदर्शन करने वाले अंचलों की समीक्षा कर सुधारात्मक रणनीति अपनाने की बात भी की। एलआरडीसी और अपर समाहर्ता को अंचल में लगने वाले कैंप की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।

विभागीय कार्यों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट

विभाग के निदेशक भोर सिंह यादव ने विभागीय कार्यों की स्थिति पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसमें दाखिल-खारिज, वेब पीएन की सुविधा, जिलों में लगान के निर्धारण, भूमि सीमांकन के लंबित मामलों की स्थिति जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल थीं।

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